वीर सावरकर पर छिड़े विवाद के बीच उनके पोते रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी और कांग्रेस सेवा दल पर हमला बोला है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि वीर सावरकर जी को लेकर की गई टिप्पणी पर राहुल गांधी और कांग्रेस सेवा दल के खिलाफ मामल दर्ज किया जाना चाहिए. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर भी हमला किया. उन्होंने कहा कि मैं बीते कुछ दिनों से उनसे मिलने के लिए समय मांग रहा हूं. लेकिन उनके पास मेरे लिए एक मिनट का समय नहीं है. मुझे उनके इस रिस्पांस से बेहद निराशा हाथ लगी है. यह सावरकर जी का अपमान करने जैसा भी है.
R Savarkar: I came to meet CM; I had sent several requests for appointment but I could not meet him today. He didn't have a minute to talk to me even when it's about Savarkar ji's respect. I am highly disappointed. It is an insult to Savarkar ji. #Maharashtra https://t.co/DwjzUJYS3j
— ANI (@ANI) January 3, 2020
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विनायक दामोदर सावरकर को लेकर हुए विवाद के बीच शिवसेना पर निशाना साधा है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि आखिर मैं देखना चाहता हूं कि शिवसेना वीर सावरकर के अपमान पर कब तक चुप रहती है. देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सेवा दल द्वारा बांटी गई किताब को भी प्रतिबंधित करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इस किताब में एक देशभक्त के तौर पर विनायक दामोदर सावरकर की साख पर सवाल उठाए गए हैं. फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसी किताब बांटकर अपनी दुष्ट मानसिकता का परिचय दिया है, जो उसके बौद्धिक दिवालिएपन को दिखाती है.भाजपा इस किताब की कड़ी निंदा करती है. आदरणीय हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे आज अगर हमारे बीच होते तो वह अपने चिरपरिचित अंदाज में इस पर (किताब पर) सबसे पहले प्रतिक्रिया देते. फडणवीस ने इस बारे में कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा कि आज ऐसी उम्मीद तो नहीं की जा सकती लेकिन आशा है कि मुख्यमंत्री इस किताब को प्रतिबंधित करने की तत्काल घोषणा करें.
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बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल (Congress Seva Dal) की ओर से बांटी गई एक किताब पर विवाद हो गया है. यह किताब वीर सावरकर पर है. 'वीर सावरकर कितने वीर', किताब का टाइटल है. भोपाल में आयोजित किए गए 10 दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में इसे बांटा गया. इसमें महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे और वीडी सावरकर का जिक्र किया गया है. किताब में दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे.
'वीर सावरकर कितने वीर' में कई किताबों के हवाले से तमाम तरह के दावे किए गए हैं. डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, 'ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है. यह समलैंगिक संबंध थे. उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरकर. सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे.'
किताब में लिखा है, 'सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां की टाइल्स तोड़ दी थी.' किताब के 14वें पन्ने पर सवाल है, 'क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया?' इसके जवाब में लिखा है, 'यह सही है. सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था. अपनी पुस्तक 'सिक्स ग्लोरियस एपोक्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री' में जानवरों की व्यावहारिक प्रवृत्ति को जोड़ते हुए सावरकर ने व्याख्या की कि कैसे हर जानवर अपने अस्तित्व को बनाए रखने के लिए अपनी आबादी बढ़ाना चाहता है. यहां तक कि रावण और सीता के बारे में वे कहते हैं कि शत्रु की महिला को अगवा करने और उससे बलात्कार करने को तुम अधर्म कहते हो? ये तो परोधर्म है. महानतम कर्तव्य. उनके अनुसार हिंदुओं के विरुद्ध मुस्लिम महिलाएं इसलिए भाग लेती हैं क्योंकि उन्हें हिन्दू पुरुषों से इसके लिए बदला लिए जाने का डर नहीं होता है. जो कि इस विकृत सोच से ग्रस्त हैं कि महिलाओं को शिष्टाचार और सम्मान देना चाहिए.'
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एक दूसरी किताब 'राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी- कुछ तथ्य और जानकारी' में दावा किया गया है कि संघ शुरू से ही फांसीवाद और नाजीवाद से प्रेरणा लेता है. जैसे हिटलर ने यहूदियों के साथ किया आरएसएस भी देश के अल्पसंख्यकों को अपने नागरिक अधिकारों से वंचित करना चाहता है. जब इन दोनों पुस्तिकाओं में विवादास्पद सामग्री पर सवाल उठाया गया, तो कांग्रेस सेवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालजी देसाई ने कहा, 'जो उल्लेख किया गया है वह ऐतिहासिक तथ्य है, जिसे उचित संदर्भों के साथ लिखा गया है. जनता के लिए बीजेपी द्वारा नायक के रूप में प्रस्तुत किए जाने वाले लोगों की वास्तविकता को जानना महत्वपूर्ण है. आज हमारे देश में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है.'
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किताब में लिखी बातों को लेकर बीजेपी ने कड़ा विरोध जताया है. बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कहा, 'महिलाओं को तंदूर में जलाने वाली कांग्रेस से और क्या उम्मीद की जा सकती है. कांग्रेस सिर्फ सोनिया गांधी के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है, इसलिए ऐसी बातें करती है क्योंकि उसे इस बात का डर है कि देश में कश्मीर, अयोध्या और ट्रिपल तलाक पर इतने बड़े फैसले हुए लेकिन एक दंगा नहीं हुआ. इसलिए जान-बूझकर मुस्लिमों का वोट लेने के लिए कांग्रेस ऐसा करती है.'
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