
- वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में 35 लोगों की मौत के कारण यात्रा पिछले आठ दिनों से स्थगित है.
- प्रशासन ने कटरा के होटलों और धर्मशालाओं को खाली करने के आदेश दिए हैं. सुरक्षा पत्र अनिवार्य किया गया है.
- अगले 7 घंटों में अधिक बारिश का अनुमान है, जिससे यात्रा शुरू होने की संभावना अनिश्चित बनी हुई है.
वैष्णो देवी यात्रा महज एक यात्रा नहीं है, ये आस्था का सफर है, जिसे सदियों से लोग तय कर रहे हैं. कटरा से मां के भवन तक जय माता दी करते जाते श्रद्धालु एक उम्मीद और विश्वास के साथ दरबार में हाजिरी लगाकर आते हैं कि मां सबकुछ ठीक कर देंगी, लेकिन पिछले मंगलवार को यहां जो कुछ हुआ उससे दिल दहल सा गया. तीर्थयात्रा मार्ग पर भीषण भूस्खलन हुआ, जिसमें 35 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद एक सप्ताह से ये यात्रा स्थगित है. कोविड-19 प्रतिबंधों के बाद से यह सबसे लंबी अवधि है, जब ये तीर्थयात्रा इतने दिनों के लिए स्थगित हुई है. हर कोई जानना चाहता है कि इस यात्रा को लेकर क्या अपडेट है...

अगले 60 घंटों में और अधिक बारिश का अनुमान
फिलहाल इस बात का कोई संकेत नहीं मिला कि ये यात्रा जल्द शुरू होगी या नहीं. दरअसल, हाल ही में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कटरा स्थित होटलों और धर्मशालाओं को खाली करने के आदेश ने इस अनिश्चितता को और गहरा कर दिया है. फिर मौसम भी खराब ही है. उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक और जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक बारिश, बाढ़ और भूस्खलन का जैसे एक दौर-सा चल रहा है. सब ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है.
आदेश में कहा गया है कि एशिया चौक से बालिनी ब्रिज और बालिनी ब्रिज से दर्शनी ड्योडी तक सभी दुकानों और होटलों को तत्काल प्रभाव से खाली करें. जब तक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को एक्जीक्यूटिव इंजीनियर से सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं होता, तब तक उन्हें खाली रखा जाए.

हादसे के बाद श्राइन बोर्ड पर भी उठे सवाल
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भारी बारिश और रेड अलर्ट के बावजूद तीर्थयात्रा रोकने में विफल रहा, जिसके लिए उसकी भी आलोचना हो रही है. श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कटरा में श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन के बाद जांच के आदेश दिए हैं. कुछ लोग सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाते दिखे कि दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. त्रिकुटा पर्वत पर लगातार निर्माण कार्य इसे खोखला करता जा रहा है. कई श्रद्धालु तो सोशल मीडिया पर भावुक होकर ये भी कहते दिखे कि अगर हालात नहीं सुधरे तो यहां कुछ नहीं बचेगा.
रिपोर्ट को लेकर लोग जता रहे ये अंदेशा
भूस्खलन की घटना के कारणों की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त मुख्य सचिव शालीन काबरा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. समिति को दो सप्ताह के भीतर उपराज्यपाल को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. हालांकि ये भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि 1 जनवरी 2022 को माता वैष्णो देवी में हुई भगदड़ की पूर्व जांच का क्या हुआ, जिसमें 12 तीर्थयात्री मारे गए थे और कई घायल हुए थे.
भगदड़ के बाद मनोज सिन्हा ने घटना की जांच और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे, लेकिन तीन साल बाद भी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई और किसी को भी जवाबदेह नहीं ठहराया गया. भारी बारिश के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने पिछले 10 दिनों से कटरा सहित जम्मू क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों को भी बंद कर दिया था.
श्राइन बोर्ड ने यात्रा क्यों नहीं रोकी?
जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने पूछा कि अगर रेड अलर्ट और मौसम संबंधी चेतावनी के बाद स्कूल बंद कर दिए गए थे तो श्राइन बोर्ड ने यात्रा क्यों नहीं रोकी?"

व्यापारी बोले- यात्रा स्थगित होने से सब वीरान
कटरा के स्थानीय व्यापारी अरविंद कुमार ने बताया कि यात्रा के स्थगित होने से आधार शिविर और आसपास के इलाके वीरान हैं. होटल खाली हैं, रेस्तरां बंद पड़े हैं और परिवहन सेवा भी पूरी तरह ठप ही पड़ी है. अधिकारियों की मानें तो रियासी जिला प्रशासन और श्राइन बोर्ड स्थिति पर नजर रखे हुए है. मार्ग और सड़कों पर मरम्मत का काम जारी है. प्रशासन ने कटरा आधार शिविर क्षेत्र में 15 होटल सहित 80 असुरक्षित इमारतों को एहतियातन खाली करवा लिया है.
पिछले आठ दिनों से स्थगित है यात्रा
पिछले आठ दिनों से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित है. तीर्थस्थल बोर्ड ने यात्रा फिर से शुरू होने तक सभी बुकिंग रद्द कर दी हैं, जिनमें हेलीकॉप्टर टिकट और इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए होटलों में बुकिंग भी शामिल है. बता दें कि तीर्थयात्रियों को धूप और बारिश से बचाने के लिए 12 किलोमीटर लंबे वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर ज़्यादातर नीले रंग की छत बनी हुई है. भारी बारिश के बाद अर्धकुंवारी में भूस्खलन के कारण छत गिर गई थी. भूस्खलन और शेड के ढहने से 35 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

आदेश के अनुसार, खराब मौसम के कारण कटरा में होटल और धर्मशालाओं सहित कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान असुरक्षित हो गए हैं और उनके संचालन से सार्वजनिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है. इन व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्रवेश या ठहरने की अनुमति देने से पहले सुरक्षा का आकलन करना जरूरी है.
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