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This Article is From Nov 26, 2023

उत्तराखंड: सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को भेजा जा रहा फोन, क्रिकेट खेलने के लिए बैट-बॉल भी देंगे

अधिकारी ने कहा,"आस-पास कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है, लेकिन हम मजदूरों (Uttarakhand Tunnel Workers Rescue) तक वाई-फाई कनेक्टिविटी पहुंचाने पर विचार कर रहे हैं.श्रमिकों को क्रिकेट बैट और गेंद भी जिया जाएगा, ताकि वे क्रिकेट खेल सकें.

नई दिल्ली:

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग (Uttarakhand Tunnel) में 41 श्रमिकों को फंसे आज 15वां दिन है. लेकिन अब तक उनके बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि उनको जल्द ही बाहर निकाला जा सकता है.  मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने और रेस्क्यू टीम की सुरक्षा के लिए सिल्कयारा सुरंग के अंदर एक सुरक्षा छतरी लगाई जा रही है, ये जानकारी आधिकारिक सूत्रों के हवाले से सामने आई है.  सुरंग में फंसे सभी मजदूरों के तनाव को कम करने के लिए की जा रही कोशिशों के तहत बीएसएनएल ने उनको एक लैंडलाइन भेजने का कदम उठाया है, जिसके जरिए वे अपने परिवारों से बात कर सकते हैं.

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मजदूरों के पास भेजा जा रहा लैंडलाइन फोन

बीएसएनएल के अधिकारी, कुंदन ने कहा कि वह फंसे हुए श्रमिकों को पाइप के जरिए एक छोटा लैंडलाइन फोन भेजने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके जरिए सभी मजदूर सीधे अपने परिवार से बात कर सकेंगे.

बीएसएनएल ने सुरंग स्थल पर एक छोटा टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किया है और फोन एक लाइन के माध्यम से जुड़ा होगा. रेस्क्यू टीम में शामिल एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों को कुछ मोबाइल फोन भी भेजे गए हैं, ताकि वे गेम खेल सकें.

 मजदूरों को भेजा जाएगा क्रिकेट बैट-बॉल

अधिकारी ने कहा,"आस-पास कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है, लेकिन हम वाई-फाई कनेक्टिविटी देने पर भी विचार कर रहे हैं. हम श्रमिकों को क्रिकेट बैट और गेंद देने पर भी विचार कर रहे हैं, ताकि वे क्रिकेट खेल सकें. सुरंग के भीतर क्रिकेट खेलने के लिए बहुत जगह है, वहां गेम आसानी से खेला जा सकता है."  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (सेवानिवृत्त) ने शनिवार को कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए किए जा रहे ड्रिलिंग कार्य में पिछले 24 घंटों में कोई हलचल नहीं हुई है. एनडीएमए सदस्य ने कहा कि अमेरिकन-ऑगर मशीन का एक हिस्सा टूट गया था, इसको एस्केप पाइप से बाहर निकालना होगा. 

सुरंग में मैनुअली किया जाएगा ड्रिलिंग का काम

बता दें कि 12 नवंबर को दिवासी की सुबह सुरंग का एक हिस्सा धंसने के बाद,  सिल्कयारा किनारे पर 60 मीटर के हिस्से में गिरे मलबे की वजह से 41 मजदूर निर्माणाधीन ढांचे के अंदर फंस गए थे, उनको निकालने की कोशिश पिछले 15 दिनों से लगातार जारी है. अमेरिकी ऑगर मशीन को ड्रिलिंग के लिए मंगवाया गया था लेकिन वह भी टूट गई. अब मैनुअली ड्रिलिंग का काम किया जाएगा. टनल में फंसे सभी मजदूरों को बाहर जल्द से जल्द निकाल लिया जाएगा. 

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