लोकतंत्र में दो दलों के बीच जुबानी जंग कोई नई बात नहीं है. आजाद भारत में ये लंबे समय से होता रहा है. उत्तर प्रदेश में भी इन दिनों कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई अलग-अलग मुद्दों को लेकर आमने-सामने से लेकर सोशल मीडिया पर भी एक दूसरे पर हमला करते दिखे हैं. इसी क्रम में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में में उन्होंने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है वो बेहद हैरान करने वाला है. बताया जा रहा है कि उन्होंने बगैर नाम लिए सीएम योगी पर हमला साधा है. हालांकि, उन्होंने अपने ट्वीट में कहीं भी सीएम योगी के नाम का जिक्र नहीं है. लेकिन बीते कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सीएम योगी और अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग चल रही है, उसे देखते हुए लोग कयास लगा रहे हैं. अखिलेश यादव का ये ट्वीट योगी आदित्यनाथ के लिए ही है. अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि भाषा से पहचानिए असली सन्त महन्त साधु वेष में घूमते जग में धूर्त अनन्त.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 20, 2024
अखिलेश यादव ने कुछ दिन पहले भी सीएम योगी पर निशाना साधा था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री के बयान आजकल अलग तरीक़े से आ रहे हैं.मैंने कभी किसी संत, महंत, संन्यासी के बारे में कुछ नहीं कहा. मेरे शब्दों के भाव को वो मठाधीश मुख्यमंत्री की तरह ले रहे हैं. जब से बीजेपी हारी है, तब से सीएम का संतुलन बिगड़ गया है. उन्होंने कहा कि आप और कांग्रेस को सीएम ने भस्मासुर कहा है. अखिलेश यादव ने कहा कि दो भस्मासुर नहीं हो सकते हैं. इसलिए बीजेपी पहले अपना भस्मासुर ढूंढ़ ले.
उन्होंने कहा था कि जो क्रोध करेंगे वो साधु नहीं हो सकते, इसलिए मैं मुख्यमंत्री को मठाधीश मुख्यमंत्री कहता हूं. मेरी और मुख्यमंत्री की तस्वीर लगाओ और बताओ माफिया कौन लगता है.वक्फ के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि किसी के धार्मिक कार्यं पर सरकार को ज़्यादा हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर अखिलेश यादव ने कहा कि ये बड़ी साज़िश है. इससे सबको उलझाने की कोशिश हो रही है. महिला आरक्षण की बात थी, क्या लागू कर पाएंगे? 18,626 पेज की रिपोर्ट 191 दिनों में तैयार हुआ. यानी हर दिन 100 पेज की रिपोर्ट बनाई गई. ये भाजपाई रिपोर्ट है. वन नेशन, वन डोनेशन का.
वहीं, इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी कुछ समय पहले ही अयोध्या में समाजवादी पार्टी प्रमुख पर हमला बोला था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि अयोध्या का दीपोत्सव, अयोध्या के मंदिरों में और घाटों पर जब दीप जलते हैं तो परेशानी दो लोगों को होती हैं. एक समाजवादी पार्टी मुखिया को और दूसरा पाकिस्तान को. बस इन्हीं दो लोगों को परेशानी है, क्योंकि इन्हें मालूम है कि अयोध्या में जलने वाला एक-एक दीप अयोध्या ही नहीं प्रदेश और देश को रोशन करेगा बल्कि मानवता के लिए कैंसर बने पाकिस्तान को भी नेस्तनाबूद करने का भी सामर्थ्य भी रखता है. पाकिस्तान तो भारत का दुश्मन है और उसका परेशान होना बनता भी है. लेकिन अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता के लिए पहचाने जाने वाली समाजवादी पार्टी को भी परेशानी होने लगी है ये सोचने वाली बात है.
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