
जहां देशभर से पाकिस्तानी लोगों को उनके मुल्क वापस भेजा जा रहा है, वहीं यूपी के बरेली में एक पाकिस्तानी महिला फरार है. पाकिस्तानी महिला के खिलाफ तीन महीने पहले मुकदमा दर्ज किया गया था. पुलिस तीन महीने से उसकी तलाश कर रही है लेकिन उस महिला का कोई सुराग नहीं लग सका. तीन महीने पहले बरेली के थाना फतेहगंज पश्चिमी में बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से पाकिस्तानी महिला शुमायला खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए बरेली से लेकर रामपुर तक दबिश दे रही है. लेकिन शुमायला खान पुलिस के हत्थे नहीं लगी है. फर्जी दस्तावेजों के जरिए टीचर बनी शुमायला खान तीन महीने से फरार है.
साल 2015 से कर रही थी नौकरी
दरसअल इस पाकिस्तानी महिला ने रामपुर में रहते हुए फर्जी तरीके से अपना मूल निवास प्रमाण पत्र बनवा लिया था और अपनी पाकिस्तानी नागरिकता को छुपाते हुए सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली थी. शुमायला को 2015 में थाना फतेहगंज पश्चिमी स्थित प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक पद पर तैनात किया गया था. मामले की जब गोपनीय जांच करवाई और रामपुर के बने निवास प्रमाण को रामपुर सदर एसडीएम ने खारिज कर दिया.
महिला शिक्षक पर आरोप था कि शुमायला खान पाकिस्तानी महिला हैं. जिन्होंने रामपुर से फर्जी दस्तावेजों को तैयार कराकर यहां पर नौकरी हासिल की. वह पिछले नौ सालों से नौकरी कर रही थी. बीएसए ने 3 अक्टूबर, 2024 को शुमायला खान को सस्पेंड कर दिया था. इसके बाद उन्हें नियुक्ति पद से हटा दिया गया. उनकी सेवा समाप्त की जा चुकी है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार के निर्देश पर पाकिस्तानी नागरिकों को वापस उनके देश भेजा गया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से यह सुनिश्चित करने को कहा था कि कोई भी पाकिस्तानी नागरिक निर्धारित समयसीमा से अधिक समय देश में न रहे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिलों में अल्पकालिक वीजा पर रह रहे लगभग सभी पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेज दिया गया है. पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.
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