उत्तर प्रदेश के संभल में गुरुवार को जामा मस्जिद से करीब 100 मीटर की दूरी पर एक कूप (कुआं) मिला है. फिलहाल इस जगह पर अभी खुदाई का काम चल रहा है. यह कुआं हिंदू बाहुल्य इलाके में मिला है. इसे 'मृत्यु का कुआं' भी कहा जाता है. इसके पास मे एक मंदिर होने का भी दावा किया जा रहा है, जो कि मृत्युजंय महादेव मंदिर था. ये मंदिर अब मिट्टी के नीचे दबा हुआ है. इसके साथ ही लोगों ने दावा किया है कि यहां की खुदाई होगी तो यहां पर मंदिर निकलेगा. जिसकी दीवार आज भी दिखाई देती है.
पौराणिक कथाओं में संभल का क्या महत्व
कहा जाता है कि संभल एक वक्त में तीर्थों का केंद्र होता था. पौराणिक कथाओं में संभल में 84 कौसी परिक्रमा मार्ग है और इस मार्ग के अंदर 68 तीर्थ है. इसमें 19 कूप का भी जिक्र किया गया. जिनका अपना धार्मिक महत्व है. समय के साथ इन पर मिट्टी जम गई, जिससे ये ढक गए. अब लोगों की निशानदेही के आधार पर इन्हें फिर से खोजा जा रहा है और इनकी साफ-सफाई कराई जा रही है. जिला प्रशासन का कहना है कि अब संभल को धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाने की कोशिश हो रही है.
अब यमदग्नि कुंड को भी तलाशा जाएगा
संभल पिछले दिनों हिंसा की वजह से चर्चा में रहा, जिसके बाद यहां प्रशासन की कार्रवाई शुरू हुई. तभी से यहां एक के बाद ऐतिहासिक इमारतें और धरोहर मिलनी शुरू हुई है. चंदौसी में राजा की बनाई गई जो बावड़ी मिली है, उसकी साफ-सफाई हो रही है. पृथ्वीराज की बनाई गई बावड़ी की खुदाई हुई है. अब जो मृत्यू कूप मिला है. उसके बारे में कहा जाता है कि इसमें नहाने पर पुण्य मिलता है. साथ ही यमदग्नि कुंड का जिक्र है, जो यहां से कुछ दूरी पर बताया गया है. अब यमदग्नि कुंड को ढूंढा जाएगा.
मृत्युजंय मंदिर होने का भी दावा
स्थानीय लोगों का कहना है कि उनसे पहले की पीढ़ियों ने उन्हें बताया था कि यहां एक मृत्युजंय का मंदिर भी है, अगर उसे भी खोजा जाएगा तो वो भी मिलेगा. उसकी दीवारें दिखाई देती है. अब जिला प्रशासन उन तीर्थ और इमारतों को खोजेगा जो कि मिट्टी के नीचे दबे हैं. फिलहाल कूप के लिए खुदाई चल रही है. एक तरफ संभल के चंदौसी में साफ-सफाई चल रही है. वहीं जो कूप मिला है, उसे साफ किया जा रहा है.
कूप के बारे में जिलाधिकारी ने क्या बताया
जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पेंसिया ने बताया कि यहां एक जागृत कूप मिला है. इससे पहले, चंदौसी के लक्ष्मणगंज में बावड़ी मिली थी, जिसकी खुदाई पिछले पांच दिनों से जारी है. इस बावड़ी को सदियों पुराना बताया जाता है. इससे पहले 25 दिसंबर को संभल में एएसआई की टीम ने चंदौसी स्थित पृथ्वीराज चौहान की बावड़ी का निरीक्षण किया था. एएसआई टीम ने फिरोजपुर किले का भी निरीक्षण किया था. डीएम-एसपी के साथ टीम के लोगों ने बावड़ी के अंदर जाकर, दीवारों को छूकर पूरा निरीक्षण किया था. टीम ने तोता-मैना की कब्र भी देखी थी.
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