लखनऊ:
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में विवाह समारोहों व खुशी के अन्य अवसरों के दौरान फायरिंग के कारण हो रही मौतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षकों को इस पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए हैं।
पिछले एक पखवाड़े में राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवाह के मौकों पर गोली दागने से करीब आठ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। प्रतापगढ़ जिले के मधुपुर में 31 मई की रात एक शादी समारोह में गोलीबारी में युवक की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि सभी पुलिस अधीक्षकों को शादी के मौके पर की जाने वाली फायरिंग पर अंकुश लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि थाने के पुलिसकर्मियों को समारोह आयोजित करने वालों को इस बारे में हिदायत देने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे आयोजनकर्ताओं को सूचित करेंगे कि असलहा लेकर चलने वाले को शांति भंग करने की आशंका में गिरफ्तार किया जा सकता है।
विश्वकर्मा ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि अगर कोई शख्स शादी समारोह में गोलीबारी करते पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दें।
पिछले एक पखवाड़े में राज्य के विभिन्न हिस्सों में विवाह के मौकों पर गोली दागने से करीब आठ लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। प्रतापगढ़ जिले के मधुपुर में 31 मई की रात एक शादी समारोह में गोलीबारी में युवक की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने कहा कि सभी पुलिस अधीक्षकों को शादी के मौके पर की जाने वाली फायरिंग पर अंकुश लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि थाने के पुलिसकर्मियों को समारोह आयोजित करने वालों को इस बारे में हिदायत देने की भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे आयोजनकर्ताओं को सूचित करेंगे कि असलहा लेकर चलने वाले को शांति भंग करने की आशंका में गिरफ्तार किया जा सकता है।
विश्वकर्मा ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि अगर कोई शख्स शादी समारोह में गोलीबारी करते पकड़ा जाता है तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दें।
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