उत्तर प्रदेश सरकार ने आज लखनऊ के मोहनलालगंज में हाल में एक महिला की नृशंस हत्या के मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृतका के परिजन की इच्छा का ख्याल रखते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर मोहनलालगंज कांड की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी गई है। इस सिलसिले में गृह विभाग द्वारा पत्र भेजा गया है।
मोहनलालगंज कांड की शिकार महिला के परिजन ने सीबीआई जांच की मांग सम्बन्धी पत्र करीब छह दिन पहले पंजीकृत डाक से भेजा था।
गौरतलब है कि गत 17 जुलाई को मोहनलालगंज के बलसिंह खेड़ा गांव में एक प्राथमिक स्कूल परिसर में एक महिला का निर्वस्त्र शव बरामद किया गया था। पुलिस ने इस मामले के खुलासे का दावा करते हुए रामसेवक नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। हालांकि परिजन इस खुलासे से खुश नहीं थे और प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पिछले पांच दिन से लखनऊ में धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने अनशन भी शुरू कर दिया था।
इसके अलावा विभिन्न राजनीतिक दलों तथा सामाजिक संगठनों ने भी मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी। शुरू में घटना को कई लोगों द्वारा अंजाम दिए जाने की आशंका जाहिर करने वाली अपर पुलिस महानिदेशक सुतापा सान्याल ने गत 20 जुलाई को संवाददाताओं को बताया कि वारदात को सिर्फ एक ही आदमी ने अंजाम दिया था और महिला से बलात्कार नहीं हुआ था।
हालांकि फोरेंसिक जांच में महिला के साथ बलात्कार होने तथा उसके नाखूनों में एक से ज्यादा व्यक्तियों की कोशिकाएं पाये जाने की पुष्टि हुई थी। इस बीच, मोहनलालगंज कांड की शिकार महिला के परिजन ने प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने के सरकार के फैसले का स्वागत किया, लेकिन कहा कि अभी उनकी तीन अन्य मांगें मानी जाना बाकी है। मृतका के देवर ने प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया और कहा कि केन्द्रीय एजेंसी की जांच में ही असली मुजरिम पकड़े जाएंगे। सीबीआई जल्द से जल्द अपनी जांच पूरी करे।
उन्होंने कहा कि उनकी तीन मांगें अब भी अधूरी हैं, जिनमें मृतका के बच्चों की दी गयी आर्थिक सहायता को 10 लाख से बढ़ाकर 25 लाख रुपये किये जाने, उनकी शिक्षा की व्यवस्था तथा बालिग होने पर उनमें से किसी एक को नौकरी देने की व्यवस्था की मांगें शामिल हैं।
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