विज्ञापन
This Article is From Jul 14, 2016

यूपी चुनाव के मद्देनजर शीला दीक्षित पर क्यों चला दांव कांग्रेस ने... आइए समझें

यूपी चुनाव के मद्देनजर शीला दीक्षित पर क्यों चला दांव कांग्रेस ने... आइए समझें
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ शीला दीक्षित (फाइल फोटो)
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
शीला के बहाने ब्राह्मण वोटों को एकजुट किया जाएगा
शीला के विकास के मॉडल को लेकर एक सकारात्मक छवि है
कांग्रेस की रणनीति है 120 सीटों पर फोकस करना
नई दिल्ली: राज बब्बर को उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बनाने के बाद कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद के लिए आगे किया है। दलील ये दी जा रही है कि शीला के बहाने ब्राह्मण वोटों को एकजुट किया जाए।

यही वजह है कि कांग्रेस ने जो चार उपाध्यक्ष बनाए हैं उनमें एक राजेश मिश्रा भी हैं। यही नहीं संजय सिंह को चुनाव प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाएगा। इसी बहाने राजपूत वोटों पर भी कांग्रेस की नजर है।

---------------------------------------------------------------------------------------------------
उत्तर प्रदेश में शीला दीक्षित पर दांव : कांग्रेस ने बनाया सीएम पद का उम्मीदवार
---------------------------------------------------------------------------------------------------
कांग्रेस ने बीजेपी के ब्राह्मण वोट बैंक पर लगाई सेंध!
---------------------------------------------------------------------------------------------------

कांग्रेस का मानना है कि उत्तर प्रदेश चुंकि दिल्ली से सटा है इसलिए वहां के लोग शीली दीक्षित के 15 सालों के शासन से वाकिफ हैं। उनके दिमाग में दिल्ली की मेट्रो और फ्लाई ओवर के अलावा शीला के विकास के मॉडल को लेकर एक सकारात्मक छवि है। शीला का कोई अपना गुट नहीं है यही बात राज बब्बर के लिए भी कही जा रही है।

शीला के पक्ष में एक बात और जाती है कि उनकी एक शिक्षित,संभ्रांत महिला की छवि है जो मोटे तौर पर निर्विवाद भी है। कांग्रेस की रणनीति है कि ब्राह्मण, राजपूत ,मुस्लिम के अलावा गैर-जाटव वोटों को इकट्ठा करना।

उत्तर प्रदेश में 50 सालों तक इन्हीं वोटों के जरिए कांग्रेस ने राज किया है जब बहुगुणा, कमलापति, लोकपति त्रिपाठी और एनडी तिवारी का दौर था। शीला भी ब्राह्मण नेता उमाशंकर दीक्षित की बहू हैं और कन्नौज से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। कांग्रेस की रणनीति है 120 सीटों पर फोकस करना। इनमें आधे पर ब्राह्मण और बाकी पर मुस्लिम निर्णायक भूमिका में हैं।

कांग्रेस पिछले विधानसभा में 29 सीटों पर नंबर एक थी और 31 सीटों पर दूसरे नंबर पर  थी। कांग्रेस को लगता है कि इन सीटों पर जीतना आसान है और इन्हीं सीटों पर प्रियंका गांधी की भूमिका अहम होगी। यही वजह है कि राज बब्बर, संजय सिंह, शीला दीक्षित की तिकड़ी के साथ प्रियंका गांधी को लाकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश में कुछ कर गुजारना चाहती हैं। कांग्रेस का लक्ष्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को रोकना है और अपने आप को ऐसे हालात में लाना है कि त्रिशंकु विधानसभा के हालत में वो सरकार का हिस्सा बन सके।

कहा यह भी जा रहा है कि पिछली बार चुनाव में राहुल गांधी की रैलियों में खूब भीड़ जमा हुई और चेहरा न होने की वजह से लोग पूरी तरह से वोटों में बदल नहीं पाए। इस बार पार्टी इस गलती को दोहराना नहीं चाहती। इसलिए पार्टी ने शीला दीक्षित का चेहरा सामने किया है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
राज बब्बर, उत्तर प्रदेश चुनाव, शीला दीक्षित, कांग्रेस, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, Raj Babbar, Uttar Pradesh Polls, Shiela Dikshit, Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra