योगी आदित्यनाथ (Yogi Adiyanath) सरकार ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधानमंडल में पहला पेपरलेस (बिना कागज का) बजट प्रस्तुत किया. वित्त वर्ष 2021-22 का बजट राज्य के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में प्रस्तुत किया. सदन में लैपटॉप से बजट पढ़ते हुये खन्ना ने कहा कि सरकार का लक्ष्य उत्तर प्रदेश को ''आत्म निर्भर'' बनाना तथा सर्वांगीण विकास करना है.
अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यह योगी आदित्यनाथ सरकार के मौजूदा कार्यकाल का पांचवा और आखिरी बजट है. विधान सभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में कोरोना टीकाकरण के लिये 50 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रस्ताव किया है.
किसानों को लुभाने की कोशिश
किसान आंदोलन के बीच पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने किसानों को भी लुभाने की कोशिश की है. उन्होंने किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए 700 करोड़ रुपये आवंटन का ऐलान किया है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने किसानों को रियायती दाम पर लोन देने का भी ऐलान किया है. राज्य के वित्त मंत्री खन्ना ने कहा कि प्रदेश में अधिक उत्पादक वाली फसलों को चिन्हित किया जाएगा और ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्ताव रखा गया है.
युवाओं को लुभाने की कोशिश
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ऐलान किया कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को मुफ्त टैबलेट दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बेरोजगार युवाओं की काउंसलिंग की जा रही है, अभी तक 52 हजार युवाओं को इसका लाभ मिला है. अब कई अन्य जनपदों में भी ऐसे ही सेंटर्स बनाए जाएंगे.
अयोध्या के विकास के लिए 140 करोड़ रुपये
वित्त मंत्री ने अयोध्या के विकास के लिए अगले वित्त वर्ष में 140 करोड़ रुपये आवंटन का प्रस्ताव रखा है. लखनऊ में भी राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है.
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 55,0270 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस बजट का आकार पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 37,410 करोड़ रुपये ज्यादा है. खन्ना ने शायर मंजूर हाशमी की गजल के शेर ''यकीन हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट भी लेकर चिराग जलता है'' के साथ बजट भाषण को आगे बढ़ाते हुए कहा कि लंबे समय तक लॉकडाउन के कारण सरकार की राजस्व प्राप्तियां प्रभावित रहीं, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने प्रभावी वित्तीय अनुशासन लागू किया.
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