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नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मौजूदा जी20 बैठक महत्वपूर्ण है, क्योंकि दुनिया आर्थिक और पर्यावरणीय संकट और युद्ध से प्रभावित है. उन्होंने एनडीटीवी के प्रधान संपादक संजय पुगलिया के साथ बातचीत में कहा कि दुनिया की स्थिति कहीं अधिक "चिंताजनक" है. विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (UN) सदस्यों को ये कबूल करना होगा, बदलाव का वक्त आ गया है.
विदेश मंत्री ने कहा, "2023 कहीं अधिक जटिल है. हमने महामारी का सामना किया है और इसका प्रभाव भयावह रहा है. इसके अलावा यूरोप में ईंधन का संघर्ष और भोजन पर प्रभाव पड़ रहा है. आर्थिक परिणामों वाली जलवायु घटनाएं अधिक बार हो रही हैं. दुनिया में स्थिति पहले से कहीं अधिक चिंताजनक है."
उन्होंने कहा, "जी20 खाद्य-ऊर्जा-जलवायु के बारे में है. जब तक हम अपनी दैनिक जीवनशैली नहीं बदलते और जलवायु-अनुकूल परिवर्तन नहीं लाते, कुछ भी नहीं बदलेगा." उन्होंने कहा कि इस संदेश को आम आदमी तक ले जाना है. हमारा लक्ष्य जन-भागीदारी है. ये हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, यही संदेश है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-20 को पूरे देश तक ले जाना चाहते थे और इसे कॉन्फ्रेंस हॉल और दिल्ली तक ही सीमित नहीं रखना चाहते थे.
एस जयशंकर ने कहा कि आम आदमी के लिए, राजनीति एक 'दूर की दुनिया' है और सरकार जी20 में उन मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रही है, जिन्हें वे समझ सकते हैं. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के मद्देनजर यs जरूरी भी है. एक उदाहरण का हवाला देते हुए, मंत्री ने बाजरा को मुख्य भोजन के रूप में लोकप्रिय बनाने के केंद्र के अभियान का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "अगर बाजरा का उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, तो आप पोषण बढ़ाएंगे, जलवायु प्रभाव कम करेंगे."
जी20 में भारत की अध्यक्षता में 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में बड़े शिखर सम्मेलन से पहले देश भर में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए है.