तेलंगाना के मुद्दे पर कांग्रेस की समस्याओं को बढ़ाते हुए उसकी पार्टी के एक सदस्य और टीडीपी के एक सदस्य ने मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस दिए। तेलंगाना सहित कई अन्य मुद्दों पर विभिन्न दलों के भारी हंगामे के कारण सदन में व्यवस्था नहीं बनने के चलते अध्यक्ष मीरा कुमार उन्हें सदन के विचारार्थ पेश नहीं कर पाईं।
तेलंगाना मुद्दे को लेकर लगातार दूसरे दिन लोकसभा नहीं चल पाई। तेलंगाना के अलावा विभिन्न दलों के सदस्य अपने अपने मुद्दे लेकर आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करते रहे, जिसके कारण सदन में व्यवस्था नहीं बन पाई और एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही लगभग सवा 12 बजे दिनभर के लिए स्थगित कर देनी पड़ी। हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही भी दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।
वहीं, जीओएम से हरी झंडी मिलने का बाद अलग तेलंगाना का मुद्दा आज कैबिनेट की मंजूरी के लिए लाया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल को मंजूरी के लिए संसद में लाया जाएगा।
सरकार की कोशिश है कि इसी सत्र में अलग तेलंगाना राज्य का बिल पास हो जाए, लेकिन बिल पर कई दसरे दलों के साथ−साथ उसे कुछ अपने सांसदों का विरोध भी झेलना पड़ रहा है।
इससे पूर्व, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं मंत्री समूह के सदस्य गुलाम नबी आजाद ने समूह की 30 मिनट चली बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि मंत्री समूह ने तेलंगाना मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। इस बीच, उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने कुछ तकनीकी एवं प्रक्रियागत बदलावों के बाद विधेयक को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष व्यापक विधेयक लाया जाएगा और उसके सुझाव विधेयक में शामिल किए जाएंगे।
कांग्रेस ने बुधवार को भरोसा जताया कि वह सौहार्दपूर्ण तरीके से तेलंगाना के मसले को सुलझा लेगी और तेलंगाना समर्थक तथा विरोधी समूहों द्वारा संसद की कार्यवाही में बाधा डालने के बीच अलग राज्य के लिए विधेयक पारित करा लेगी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश तनावपूर्ण हालात को काबू में लाने के लिए दोनों पक्षों से बातचीत कर रहे हैं और मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने के लिए प्रयासरत हैं। ये नेता संसद में तेलंगाना के निर्माण से संबंधित विधेयक लाने से पहले इसकी रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ से भी संपर्क में हैं।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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