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This Article is From Oct 08, 2020

आयुर्वेद से कोरोना के इलाज के ऐलान से नाखुश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, उठाए ये सवाल

आयुर्वेद और योग के जरिये कोरोना के बिना लक्षण या मामूली लक्षण वाले मरीजों के इलाज को औपचारिक मंजूरी देने के ऐलान से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) खुश नहीं है. उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर कई सवाल दागे हैं.

आयुर्वेद से कोरोना के इलाज के ऐलान से नाखुश इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, उठाए ये सवाल
आयुर्वेद और योग से कोरोना के इलाज को मंजूरी पर आईएमए को आपत्ति (प्रतीकात्मक फोटो)
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
आयुर्वेद,योग से कोरोना के इलाज को मंजूरी से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आयुर्वेद से इलाज को दी थी स्वीकृति
आईएमए ने पूछा, किस वैज्ञानिक अध्ययन के आधार पर दी गई स्वीकृति
नई दिल्ली:

आयुर्वेद और योग के जरिये कोरोना के बिना लक्षण या मामूली लक्षण वाले मरीजों के इलाज को औपचारिक मंजूरी देने के ऐलान से इंडियन मेडिकल एसोसिएश (IMA) खुश नहीं है. उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर कई सवाल दागे हैं.

देश में डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से दो टूक सवाल किए हैं. संस्था ने पूछा है कि केंद्र सरकार ने किस आधार पर आयुष के ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से कोरोना के इलाज की मंजूरी दी है? आईएमए ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज़ों के लिए आयुष और योग से इलाज और रोकथाम संबंधित प्रोटोकॉल जारी किया है। उन्होंने इसके समर्थन में बहुत से महत्वपूर्ण संस्थानों का नाम भी लिया। यह लोगों के व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर हैं। डॉक्टर हर्षवर्धन यह भी मानते हैं कि आयुर्वेदिक दवाएं आधुनिक दवाओं की आधारशिला का हिस्सा है, ऐसे में यह किस आधार पर निर्णय किया गया है.

सरकार के कितने मंत्रियों ने आयुर्वेद से इलाज कराया
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पूछा कि क्या कोरोना के मरीज़ों पर आयुर्वेद या योग के इलाज के प्रभाव को लेकर अध्ययन से जुड़े कोई संतोषजनक सुबूत हैं? इस दावे का समर्थन करने वाले और उनका अपना मंत्रालय क्या आयुष प्रोटोकॉल के डबल ब्लाइंड स्टडी यानी दो तरफा नियंत्रित अध्ययन के लिए तैयार हैं? सरकार के कितने मंत्री और सहयोगियों ने खुद आयुर्वेद और योग से अपना इलाज करवाया है? अगर यह असरदार है तो कोविड केयर और कंट्रोल आयुष मंत्रालय को सौंपने से उन्हें कौन रोक रहा है?  यह भी बताया जाए कि कोरोना का गंभीर रूप हाइपर इम्यून स्टेटस है या इम्यून डेफिशियेंसी स्टेटस?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री अपना पक्ष साफ करें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मांग करती है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री इस पर अपना पक्ष साफ करें और सवालों के जवाब दें। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो वो लोगों में एक फ़र्ज़ी दवा को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को नेशनल कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में आयुर्वेद और योग को औपचारिक रूप से शामिल करने की घोषणा की थी. पहले अनौपचारिक तौर पर इन पद्धतियों का भी इस्तेमाल हो रहा है.
 

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