उमेश पाल मर्डर : ढाई लाख के इनामी शूटर साबिर के भाई का शव खेत से मिला, कुछ माह पहले ही जमानत पर छूटा था

उमेश पाल शूटआउट केस में नाम सामने आने के बाद से साबिर लगातार फरार चल रहा है और उस पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है.

उमेश पाल मर्डर : ढाई लाख के इनामी शूटर साबिर के भाई का शव खेत से मिला, कुछ माह पहले ही जमानत पर छूटा था

उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की पिछले माह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी

खास बातें

  • उमेश पाल केस से जुड़े साबिर पर है ढाई लाख रुपये का इनाम
  • पत्‍नी के कत्‍ल के आरोप में आठ साल पहले जेल गया था जाकिर
  • खेत में मिला शव, शरीर पर कई जगह हैंं चोट के निशान

उमेश पाल हत्‍याकांड केस से जुड़े ढाई लाख के इनामी शूटर साबिर के भाई का संदिग्ध हालत में शव बरामद हुआ है. शूटर साबिर के भाई जाकिर का शव कौशांबी जिले के कोखराज थाना क्षेत्र में मिला. मोहम्मदपुर गांव के एक खेत में लावारिस हालत में यह शव बरामद हुआ और इस पर कुछ जगह चोट के निशान भी हैं. साबिर के चाचा शमसुद्दीन और बहन ने  शव की शिनाख्त की है. जानकारी के अनुसार, साबिर और जाकिर प्रयागराज के पुरामुफ्ती थाना क्षेत्र के मरियाडीह इलाके के रहने वाले हैं. उमेश पाल शूटआउट केस में नाम सामने आने के बाद से साबिर लगातार फरार चल रहा है और उस पर ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है.

साबिर के भाई जाकिर को 8 साल पहले पत्नी के कत्ल के आरोप में जेल भेजा गया था. कुछ महीने पहले ही वह जमानत पर जेल से छूटकर आया था. जाकिर का संदिग्ध हालत में शव बरामद होने के बाद तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चाओं का बाजार गर्म है. कौशांबी पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है. जाकिर की उम्र तकरीबन 50 साल है. 

24 फरवरी को हुई थी उमेश पाल की हत्‍या 
गौरतलब है कि यूपी के धूमनगंज थाना क्षेत्र में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद पूरे क्षेत्र में तनाव व्‍याप्‍त गया था. यूपी प्रशासन को ये खुली चुनौती थी. यह पूरी घटना आसपास के CCTV कैमरे में कैद हो गई थी जिसकी मदद से ज्यादातर शूटर की पहचान हो गई थी. इसके बाद यूपी के मुख्‍यमंत्री ने कहा था कि आरोपियों को मिट्टी में जल्‍द मिला दिया जाएगा और इसके बाद ऐसा ही होता नजर आ रहा है. 

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पत्‍नी ने घटना के अगले दिन दर्ज कराई थी एफआईआर 
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने घटना के अगले दिन धूमनगंज थाने में इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी. इस एफआईआर में पूर्व सांसद अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, अतीक के दो बेटों, अतीक के साथी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम एवं नौ अन्य लोगों को हमले के लिए दोषी बताया. इसके बाद पुलिस ने दोषियों को पकड़ने के लिए कई टीमों का गठन किया और तेजी से कार्रवाई की, जिसके परिणाम सामने भी आ रहे हैं.