"मंदिर में जाकर बस घंटा बजाना हमारा हिन्दुत्व नहीं" : उद्धव ठाकरे का तंज 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे याद है नगर निगम का चुनाव होने जा रहा था और बालासाहेब सभा कर रहे थे और किसी ने कहा कि यहां नाट्यगृह नहीं है. उन्होंने दे दिया, लेकिन नाटक आजकल कुछ और लोग कर रहे हैं.

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं तानाशाही बर्दाश्‍त नहीं करूंगा. (फाइल)

मुंबई :

महाराष्‍ट्र की सत्ता गंवाने के बाद पूर्व मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे लगातार सार्वजनिक कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं. साथ ही उद्धव ठाकरे महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे और बीजेपी पर हमला करने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने शनिवार को ठाणे में हिंदी भाषी कार्यकर्ता सम्‍मेलन को संबोध‍ित किया. ठाकरे ने इस दौरान कहा कि जो एक दूसरे में भेद करे, उसे हिंदुत्‍व नहीं कहते हैं. साथ ही उन्‍होंने बिना लिए महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधा और कहा कि कुछ चाइनीज लोग खुद को शिवसेना से ऊपर समझते हैं. 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे याद है नगर निगम का चुनाव होने जा रहा था और बालासाहेब सभा कर रहे थे और किसी ने कहा कि यहां नाट्यगृह नहीं है. उन्होंने दे दिया, लेकिन नाटक आजकल कुछ और लोग कर रहे हैं. (एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन पर व्यंग्‍य) कुछ चाइनीज लोग जो खुद को शिवसेना से उपर समझते है.

साथ ही उन्‍होंने कहा, "जो लड़ते समय साथ हो, वो सैनिक है. जिस सरकार का जन्म खोखे से हुआ वो हमें क्या न्याय देगी?"

उन्‍होंने कहा कि मैं आपके सामने झुकूंगा, लेकिन तानाशाही बर्दाश्‍त नहीं करूंगा. मंदिर में जाकर बस घंटा बजाना हमारा हिन्दुत्व नहीं है. 

उन्‍होंने कहा कि इनके हिंदुत्व का नकाब हमें हटाना है. मणिपुर जल रहा है, ये  हिंदुत्व है? मैं मुख्यमंत्री था, तब इन लोगों ने हनुमान चालीसा किया. जब सीता हरण हुआ तब रामायण हुआ, द्रौपदी का वस्त्र हरण हुआ इसलिए महाभारत हुआ. दुःख इस बात का है जब वस्त्र हरण हुआ तब धृतराष्ट्र चुपचाप बैठे थे. आज की सरकार क्या धृतराष्ट्र है? मणिपुर में दो महिलाओं के साथ जो हुआ. वीडियो आया तब पता चला कि वहां के मुख्यमंत्री कहते हैं कि ऐसी घटनाएं तो बहुत हुई हैं? शर्म आनी चाहिए.

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