12 पिस्टल 30 कारतूस के साथ जितेंद्र ​​गोगी गिरोह के दो शूटर गिरफ्तार

कुख्यात गैंगस्टर जितेंद्र ​​गोगी (Jitendra Gogi) गिरोह के अपराधी अवैध हथियार (illegal weapon) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और बिहार से खरीद कर अवैध वसूली, जमीन कब्जाने जैसी आपराधिक गतिविधियों को दिल्ली, हरियाणा (Haryana) में अंजाम दे रहे हैं. 27 अप्रैल को विशेष सूचना मिली कि जितेन्द्र उर्फ ​​गोगी गिरोह के दो सदस्यों ने हाल ही में मध्य प्रदेश के कुछ सप्लायरों से अवैध हथियार खरीदे हैं

12 पिस्टल 30 कारतूस के साथ जितेंद्र ​​गोगी गिरोह के दो शूटर गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जितेंद्र गोगी गैंग के दो शूटरों को गिरफ्तार किया है. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने जितेंद्र गोगी गिरोह (Gangster Gogi Gang) के 2 शूटरों को गिरफ्तार किया है. उनके पास से 12 पिस्टल और 30 कारतूस बरामद हुए हैं. स्पेशल सेल के डीसीपी राजीव रंजन के मुताबिक पिछले महीने स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि कुख्यात जितेंद्र ​​गोगी गिरोह के अपराधी अवैध हथियार मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और बिहार से खरीद कर अवैध वसूली, जमीन कब्जाने जैसी आपराधिक गतिविधियों को दिल्ली, हरियाणा में अंजाम दे रहे हैं. 27 अप्रैल को विशेष सूचना मिली कि जितेन्द्र उर्फ ​​गोगी गिरोह के दो सदस्यों ने हाल ही में मध्य प्रदेश के कुछ सप्लायरों से अवैध हथियार खरीदे हैं और वे गांधी विहार, तिमारपुर, दिल्ली आएंगे. पुलिस ने जाल बिछाया और अभिषेक और नवीन नाम के आरोपियों को 12 पिस्टल और 30 कारतूस के साथ गिरफ्तार कर लिया.

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वो गोगी गिरोह से जुड़े हुए हैं. वो दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में जबरन वसूली और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग करके अपने गिरोह के वर्चस्व को बढ़ा रहे हैं और इसके वो बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) और मुंगेर (बिहार) के अवैध हथियार बनाने वालों से अपने गिरोह के लिए एक साल से अधिक समय से अवैध हथियार खरीद रहे थे.

पुलिस के मुताबिक 2022 में इन लोगों ने अपने साथियों शिवम, मंजीत और अन्य के साथ बीएसए अस्पताल, रोहिणी, दिल्ली से दिल्ली पुलिस की हिरासत से गैंगस्टर करमबीर उर्फ काजू के भगाने की योजना बनाई. योजना के अनुसार, वे सभी हथियारों और मिर्च पाउडर से लैस होकर बीएसए अस्पताल दिल्ली पहुंचे. उस दिन करमबीर उर्फ ​​काजू को पुलिस द्वारा सीटी स्कैन,एक्स-रे के लिए तिहाड़ जेल से एक वैन में लाया गया था, लेकिन मशीन में तकनीकी खराबी के कारण ये टेस्ट नहीं हो पाए नहीं और आरोपी कर्मवीर को बाहर नहीं निकाला गया. इसलिए इनका प्लान नाकाम हो गया. दोनों आरोपी सोनीपत के रहने वाले हैं.

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