
भारतीय रेल में बड़े बदलावों की तैयारी
नई दिल्ली:
रेलवे क्षेत्र में सुधार के लिए रेल मंत्रालय दो महत्वपूर्ण पहल करने जा रहा है जिसमें किराया निर्धारण के लिए नियामक प्राधिकरण की स्थापना तथा बुनियादी ढांचा विकास कोष का गठन शामिल है. अधिकारियों का मानना है कि देश की इस सबसे बड़ी परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने में इन उपायों का दीर्घकालिक फायदा होगा.
यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुधारों पर बहुत जोर दे रहे हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे किराया नियामक प्राधिकरण के गठन की घोषणा एक सरकारी आदेश के जरिए जल्द ही किया जा सकता है.
रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व बैंक रेलवे बुनियादी ढांचा विकास कोष में सात साल में पांच अरब डॉलर की सहायता देकर इसमें प्रमुख भूमिका निभाने को सहमत है. इस कोष को पेंशन कोषों व सरकारों के संपत्ति कोषों से भी मदद मिलेगी. इसके माध्यम से रेलवे की लाभकारी परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा जिनसे अल्पकाल में अच्छा प्रतिफल मिल सकता है.
अधिकारी ने कहा कि इन पहलों से रेलवे में व्यापक सुधार होंगे. रेलवे की अलग से पेश करने की परंपरा को इसे आम बजट का हिस्सा बनाने का भी विचार चल रहा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखा है और संभवत: यह अगले साल से ही हो जाए.
अधिकारी ने कहा कि रेलवे अब तीव्र गति रेलगाड़ियों, वैगन व डिब्बों, स्टेशन विकास, सिग्नल प्रणाली व ढांचागत परियोजनाओं के विकास के लिए बजटेत्तर स्रोतों से धन का प्रबंध कर रही है. संगठन ने अगले पांच साल में 856 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की एक मध्यावधि योजना पहले ही तैयार कर ली है. अधिकारी ने कहा कि परियोजनाओं के लिए धन की कमी नहीं आएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुधारों पर बहुत जोर दे रहे हैं. मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि रेलवे किराया नियामक प्राधिकरण के गठन की घोषणा एक सरकारी आदेश के जरिए जल्द ही किया जा सकता है.
रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विश्व बैंक रेलवे बुनियादी ढांचा विकास कोष में सात साल में पांच अरब डॉलर की सहायता देकर इसमें प्रमुख भूमिका निभाने को सहमत है. इस कोष को पेंशन कोषों व सरकारों के संपत्ति कोषों से भी मदद मिलेगी. इसके माध्यम से रेलवे की लाभकारी परियोजनाओं का वित्तपोषण किया जाएगा जिनसे अल्पकाल में अच्छा प्रतिफल मिल सकता है.
अधिकारी ने कहा कि इन पहलों से रेलवे में व्यापक सुधार होंगे. रेलवे की अलग से पेश करने की परंपरा को इसे आम बजट का हिस्सा बनाने का भी विचार चल रहा है. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली को लिखा है और संभवत: यह अगले साल से ही हो जाए.
अधिकारी ने कहा कि रेलवे अब तीव्र गति रेलगाड़ियों, वैगन व डिब्बों, स्टेशन विकास, सिग्नल प्रणाली व ढांचागत परियोजनाओं के विकास के लिए बजटेत्तर स्रोतों से धन का प्रबंध कर रही है. संगठन ने अगले पांच साल में 856 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की एक मध्यावधि योजना पहले ही तैयार कर ली है. अधिकारी ने कहा कि परियोजनाओं के लिए धन की कमी नहीं आएगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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