चंद्रयान के रोवर पर लगे दो कैमरे नोएडा के स्टार्ट-अप के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर अन्वेषण करेगा

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश सिन्हा ने कहा, ‘‘हम प्रज्ञान रोवर को हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं.’’

चंद्रयान के रोवर पर लगे दो कैमरे नोएडा के स्टार्ट-अप के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर अन्वेषण करेगा

आकाश सिन्हा ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर मूल रूप से चंद्रयान-2 के लिए विकसित किया गया था लेकिन तब रोवर को सतह पर नहीं उतारा जा सका था.

नई दिल्ली:

चंद्रयान-3 के रोवर पर लगे दो कैमरे नोएडा के एक प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के सॉफ्टवेयर का उपयोग कर उसकी सतह का अन्वेषण करेगा. चंद्रयान के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ निकटता से काम कर रही ‘ओम्नीप्रेजेंट रोबोट टेक्नोलॉजीस' ने प्रज्ञान रोवर के लिए ‘पर्सेप्शन नेविगेशन सॉफ्टवेयर' विकसित किया है, जो विक्रम लैंडर मॉडयूल में लगा है, जिसने आज शाम को चंद्रमा की सतह को छूआ.

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आकाश सिन्हा ने यहां ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘हम प्रज्ञान रोवर को हमारे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर चंद्रमा की सतह पर घूमते हुए देखने के लिए बहुत उत्साहित हैं.'' सिन्हा शिव नाडर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भी हैं. उन्होंने कहा कि उनके स्टार्टअप द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर रोवर पर लगे दो कैमरों का इस्तेमाल कर चंद्रमा की तस्वीरें लेगा और चंद्रमा के परिदृष्य का 3-डी मानचित्र बनाने के लिए उन्हें एक साथ जोड़ेगा.

आकाश सिन्हा ने बताया कि यह सॉफ्टवेयर रोवर में समाहित है और इमेज प्रोसेसिंग अंतरिक्षयान में की जाएगी. अंतिम 3डी मॉडल मिशन नियंत्रण कक्ष में भेजा जाएगा. सिन्हा ने बताया कि मिशन नियंत्रण कक्ष में वैज्ञानिक इस रोवर को सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार किए गए चंद्रमा की सतह के 3डी मॉडल के आधार पर उस क्षेत्र के दौरे पर ले जा सकते हैं जिसकी तस्वीरें कैद की जा चुकी होंगी.

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आकाश सिन्हा ने कहा, ‘‘यह सॉफ्टवेयर मूल रूप से चंद्रयान-2 के लिए विकसित किया गया था लेकिन तब रोवर को सतह पर नहीं उतारा जा सका था. अब इसका चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.''विदेशी अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले अत्यधिक महंगे कैमरों के मुकाबले प्रज्ञान रोवर में केवल दो कैमरों का इस्तेमाल किया गया है जो सॉफ्टवेयर द्वारा चंद्रमा की सतह का 3डी मानचित्र बनाते वक्त उसकी आंखों के रूप में काम करते हैं. सिन्हा ने कहा, ‘‘प्रज्ञान रोवर इन दो आंखों से चंद्रमा के आसपास अपना रास्ता तलाश कर लेगा.''