
त्रिवेंद्र सिंह रावत इससे पहले राज्य में बीजेपी की सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं.
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प्रकाश पंत और सतपाल महाराज भी थे रेस में
प्रकाश पंत पिथौरागढ़ से विधायक हैं
पंत के साथ मीटिंग में पहुंचे त्रिवेंद्र
उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ. कृष्णकांत पाल ने शुक्रवार को बीजेपी विधानमंडल के नवनिर्वाचित नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत को राज्य का मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया. बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद शनिवार को पार्टी के विधायक दल की बैठक में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर मुहर लगा दी गई. हालांकि मुख्यमंत्री की रेस में प्रकाश पंत और सतपाल महाराज भी थे लेकिन अंतिम रूप से विधायक दल की बैठक में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम पर मुहर लगाई गई. रावत के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे प्रकाश पंत और सतपाल महाराज ने रखा जिसका समर्थन अन्य विधायकों ने किया.
बीजेपी विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद रावत ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि उनका इरादा एक पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी के भ्रष्टाचार उन्मूलन तथा गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को पूरा करना है.
अपने नाम की घोषणा होने के बाद रावत ने प्रधानमंत्री मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के अलावा अपने पार्टी सहयोगियों और कार्यकर्ताओं का आभार प्रकट किया तथा कहा कि वह प्रदेश के विकास के लिये कार्य करेंगे. भाजपा ने प्रदेश में तीन चौथाई से ज्यादा बहुमत हासिल कर 70 में से 57 विधानसभा सीटें अपने नाम की थी. भाजपा की यह जीत प्रदेश के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत है.
रावत, प्रकाश पंत के साथ विधायक दल की मीटिंग के लिए पहुंचे थे. प्रकाश पंत पिथौरागढ़ से विधायक हैं और सतपाल महाराज अभी दो साल पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं. इससे पहले पार्टी विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर और सरोज पांडे के अलावा उत्तराखंड के पार्टी मामलों के प्रभारी श्याम जाजू भी पहुंचे. उल्लेखनीय है कि भाजपा ने 70 में से 57 सीटें जीती हैं.
आरएसएस के प्रचारक रहे चुके हैं त्रिवेंद्र रावत
56 वर्षीय त्रिवेंद्र सिंह रावत डोइवाला सीट की नुमाइंदगी करते हैं. उनको पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का करीबी माना जाता है. इस वक्त वह पार्टी की झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं. वह 1983 से 2002 तक आरएसएस के प्रचारक रहे हैं और उस दौरान वह उत्तराखंड अंचल और बाद में राज्य के संगठन सचिव रहे हैं. वह पहली बार 2002 में डोइवाला सीट से एमएलए बने. तब से वहां से तीन बार चुने जा चुके हैं. वह 2007-12 के दौरान राज्य के कृषि मंत्री भी रहे.
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