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This Article is From Oct 02, 2020

हाथरस जा रहे डेरेक ओ'ब्रायन से पुलिस ने की धक्का-मुक्की, महिला सांसदों पर किया बलप्रयोग

पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल के कुछ सांसदों को यूपी पुलिस द्वारा रोके जाने की खबर है. तृणमूल ने एक बयान जारी कर बताया है कि उसके कुछ सांसदों को यूपी पुलिस ने पीड़िता के गांव से डेढ किलोमीटर पहले ही रोक लिया.

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हाथरस जा रहे डेरेक ओ'ब्रायन से पुलिस ने की धक्का-मुक्की, महिला सांसदों पर किया बलप्रयोग
हाथरस जा रहे TMC के सांसदों को भी यूपी पुलिस ने रोका.
हाथरस:

हाथरस गैंगरेप (Hathras Gangrape) को लेकर बवाल तेज हो चुका है. कई विपक्षी पार्टियां मामले में उत्तर प्रदेश की सरकार और यूपी पुलिस के रवैये को लेकर सवाल उठा रही हैं. इसी बीच शुक्रवार को पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे तृणमूल के कुछ सांसदों को यूपी पुलिस ने रोक लिया है. इस दौरान धक्का-मुक्की में डेरेक ओ'ब्रायन नीचे गिर पड़े. वहीं यूपी पुलिस के महिला सासंदों के खिलाफ बल प्रयोग करने का मामला भी सामने आया है.

एक 32 सेकेंड का वीडियो सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सफेद शर्ट पहने और हेलमेट लगाए एक शख्स टीएमसी की सांसद प्रतिमा मंडल को कंधों से पकड़े हुए हैं और उन्हें गांव में घुसने नहीं दे रहा है. डेरेक ओ'ब्रायन उन्हें बचाने के लिए आगे बढ़ते हैं तो वो व्यक्ति उन्हें धक्का दे देता है. वहां कुछ पुलिसकर्मी भी टीएमसी के सांसदों के खिलाफ बलप्रयोग करते दिखाई दे रहे हैं.

 तृणमूल ने एक बयान जारी कर बताया है कि उसके कुछ सांसदों को यूपी पुलिस ने पीड़िता के गांव से डेढ़ किलोमीटर पहले ही रोक लिया. पार्टी ने बताया है कि ये सांसद अलग-अलग यात्रा कर रहे थे. तृणमूल सांसदों का यह समूह 200 किमी दूर दिल्ली से आया था. इनमें डेरेक ओ'ब्रायन, काकोली घोष दस्तीदार, प्रतिमा मंडल और (पूर्व सांसद) ममता ठाकुर हैं. ये नेता दिल्ली से हाथरस के पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे.

रोके गए सांसदों में से एक सांसद ने कहा, 'हम शांति से हाथरस की ओर बढ़ रहे हैं पीड़ित परिवार से मिलकर अपनी सांत्वना देने जा रहे हैं. हम अलग-अलग यात्रा कर रहे हैं और सभी प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं. हमने कोई हथियार नहीं लिए हैं. हमें रोका क्यों गया है? कैसा जंगलराज है कि यहां निर्वाचित सांसदों को एक पीड़ित परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है. अभी हम पीड़िता के घर से बस 1.5 किलोमीटर की दूरी पर हैं. हम पुलिस अधिकारियों को समझा रहे हैं कि हम ये दूरी पैदल भी तय कर सकते हैं.' कुछ विजुअल्स भी सामने आए हैं, जिनमें टीएमसी के सांसदों को पुलिस अधिकारियों को समझाने-बुझाने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है. 

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी के साथ 'पुलिसिया बदसलूकी' पर शिवसेना नेता संजय राउत का वार, बोले- लोकतंत्र का गैंगरेप

बता दें कि इसके पहले गुरुवार को पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को भी यमुना एक्सप्रेस-वे पर ही रोक लिया गया था. यूपी पुलिस ने राहुल और प्रियंका को हिरासत में भी ले लिया था और दिल्ली वापस आने की शर्त पर छोड़ा था. हालांकि, शुक्रवार को महामारी एक्ट के तहत नोएडा पुलिस ने कोटेक वन थाने में राहुल और प्रियंका के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही 150 कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर भी प्राथमिकी नामजद है. जानकारी है कि 50 अज्ञात लोगों पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है. सभी पर धारा 188, 269, 270 IPC में मुकदमा दर्ज किया गया है.

Video: रवीश कुमार का प्राइम टाइम: उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था तार-तार क्यों?

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