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घाटी में आने लगे पर्यटक, बोले- कश्मीर हमारा है, हम आएंगे; आतंकी हमले के 5 दिन बाद कितना बदला पहलगाम

Jammu Kashmir Tourism: रविवार को पहलगाम घूम रहे महाराष्ट्र से आए सैलानियों के ग्रुप में शामिल एक सदस्य ने कहा कि हम क्यों डरें, जो होना होगा, होगा. कश्मीर हमारा है. हम आएंगे.

रविवार को पहलगाम घुमने पहुंचे बॉलीवुड एक्टर अतुल कुलकर्णी.

Pahalgam Tourism: पहलगाम आतंकी हमले के 5 दिन बीत चुके है. इस हमले से पहले यहां का जर्रा-जर्रा सैलानियों से गुलजार था. लेकिन अब यहां के हालात बदल चुके हैं. घाटी वीरान नजर आ रही है. पहलगाम के बाजार सुने नजर आ रहे हैं. होटल खाली हैं. घोड़े-खच्चर वाले भी दिन भर यहां-वहां टाइम पास करते नजर आ रहे हैं. जिन रास्तों से सैलानियों का आना-जाना हुआ करता था, वहां इस समय सेना, पुलिस, जांच एजेंसी और मीडिया के लोग नजर आ रहे हैं. लेकिन इन सब विपरित परिस्थितियों के बाद भी लोगों को यह उम्मीद है कि घाटी में रौनक फिर लौटेगी. 

सैलानी आएंगे... लोगों की इस उम्मीद के पीछे की दो बड़ी वजह

1. लोगों की इस उम्मीद के पीछे वाजिब वजह भी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम टूरिस्टों को भगवान की तरह मानते हैं. इन्हीं से हमारी रोजी-रोटी चलती है. उस दिन जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था. सैलानियों पर हमला करने वालों को सजा जरूर मिलेगी. 

2. दूसरी बात कश्मीर की खूबसूरती है. कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है. यहां घुमने की चाहत हर किसी की होती है. निश्चित तौर पर सैलानियों पर हुए आतंकी घटना के बाद लोगों में मन में डर है. लेकिन यह डर धीरे-धीरे कम होगा. क्योंकि लोग यह भी देख रहे हैं कि इस घटना के बाद घाटी में सुरक्षा बल किस हाई लेवल की चौकसी चला रहे हैं. 

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स्थानीय लोगों को पूरा विश्वास- लौटेगी रौनक

पहलगाम की बैसरन घाटी जहां 22 अप्रैल को आतंकियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या की, उसे 'मिनी स्विट्जलैंड'  कहा जाता है. सैलानियों के लिए अप्रैल-मई का महीना पीक टाइम होता है. लेकिन इसी समय आतंकी घटना होने के कारण इस साल टूरिज्म सीजन तो खराब होगा, लेकिन आने वाले दिनों में यहां फिर से रौनक लौटेंगी. इसका यहां के लोगों को विश्वास है. 

रविवार को पहलगाम में दिखे कुछ पर्यटकों ने कहा कि "हमने पहले तो इस पर विचार किया, लेकिन फिर यहां आने का फैसला किया." 

बॉलीवुड एक्टर अतुल कुलकर्णी भी घुमने पहुंचे पहलगाम

बॉलीवुड एक्टर अतुल कुलकर्णी भी रविवार को पहलगाम पहुंचे. उन्होंने BBC से बात करते हुए कहा कि जो भी घटना हुई वह बहुत दुखद हुई. मैं सोच रहा था कि हम क्या कर सकते हैं? लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं. लेकिन मैंने सोचा कि सिर्फ सोशल मीडिया पर लिखने से बात नहीं बनेगा. मैंने यह भी पढ़ा कि 90 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो गई है. हमें कश्मीरियत  को जिंदा रखना होगा. हमें कश्मीर के लोगों को संभाला है. टूरिज्म केवल सैर-सपाटा ही नहीं होता. सिर्फ पैसे की बात नहीं होती. लोगों का जुड़ना भी होता है. 

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कश्मीर हमारा है, हम आएंगे, आतंकियों को संदेश देना जरूरीः अतुल कुलकर्णी

बॉलीवुड एक्टर अतुल कुलकर्णी ने आगे कहा, "यहां इतनी बड़ी तादात में लोग यहां आ रहे थे. यही सब सोच कर कल ही मैंने यह फैसला लिया कि मुझे यहां आना चाहिए. हमें आतंकियों को यह संदेश देना है कि कश्मीर हमारा है, हम आएंगे. कश्मीरियत को संभाला जरूरी है. यहां मुस्कुराट और प्यार लाना जरूरी है. डर और खौफ से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां इतनी बड़ी घटना हुई, लेकिन इसके बाद इतनी बड़ी संख्या जवान यहां लगे हैं. ऐसे में मुझे कोई डर नहीं लगा.  

रविवार को पहलगाम में करीब 100 सैलानी दिखे, कई विदेशी भी

अब बात करते हैं कि आंकड़ों की. इस समय पहलगाम में हर रोज 5 से 7 हजार सैलानी हुआ करते थे. लेकिन आतंकी घटना के बाद अब यहां 100 के करीब सैलानी है. स्थानीय लोगों का मानना है कि आने वाले दिनों में यहां संख्या और बढ़ेगी. हालांकि सुरक्षा कारणों और जांच के कारण अभी बैसरन घाटी को नहीं खोला गया है. लेकिन जल्द ही इसे खोला जाएगा. अमरनाथ यात्रा के समय श्रद्धालु यहीं विश्राम करते हैं. 

महाराष्ट्र से आए सैलानियों के ग्रुप में शामिल एक सदस्य ने कहा कि हम क्यों डरें, जो होना होगा, होगा. कश्मीर हमारा है. हम आएंगे. 

क्रोएशिया से आए सैलानी ने कहा- यह दुनिया में नंबर एक जगह

क्रोएशिया से आए पर्यटक व्लात्को ने कहा: "मैं कश्मीर में 10वीं बार आया हूं और हर बार यह शानदार रहा है. मेरे लिए, यह दुनिया में नंबर एक है, यहां के लोग सहज और सौम्य हैं. मेरा ग्रुप यहां आकर बहुत खुश है; क्रोएशियाई और सर्बियाई लोग पहली बार यहां आए हैं."

सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर विदेशी सैलानी ने कहा, "मैं पूरी तरह सुरक्षित महसूस करता हूं, यहां कोई समस्या नहीं है. हर जगह, लोग नमस्ते कहते हैं, बिल्कुल भी डर नहीं लगता."

क्रोएशिया के सैलानी बोले- कश्मीर बहुत खूबसूरत, लोग भी दयालु

क्रोएशिया से कश्मीर घुमने आई लिजिलजाना ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि वे "बहुत सुरक्षित" महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "हमें यहां रहने में कोई समस्या नहीं है. कश्मीर खूबसूरत है, बहुत खूबसूरत. हम आपके स्वभाव से बहुत संतुष्ट हैं और लोग बहुत दयालु हैं." 

आतंकी कहां नहीं है, हमला तो आपके शहर में भी हो सकता है

क्रोएशिया के एक अन्य पर्यटक एडमिर जाहिक ने भी इसी तरह की भावनाओं को दोहराया. हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मुझे कोई डर नहीं लगा. मुझे पता है कि यह ऐसा कुछ नहीं है जो यहां अक्सर होता है. अगर आपको डर लगता है, तो आप घर पर रह सकते हैं, लेकिन वहां भी ऐसा हो सकता है. यह यूरोप में होता है, यह हर जगह होता है. दुनिया में अब कोई सुरक्षित जगह नहीं है".

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