पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कथित हमले की घटना को लेकर शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का एक दल चुनाव आयोग से मुलाकात करने पहुंचा. पार्टी ने चुनाव आयोग के सामने जिस परिस्थिति में ममता बनर्जी पर हमला हुआ उस मुद्दे को मुख्य चुनाव आयुक्त के सामने रखा है.
पार्टी के नेता सौगत राय ने कहा कि 'हमने जिस तरह से डीजीपी को बदला गया उस सवाल को उठाया है. हमने ममता बनर्जी पर हमले की घटना की जांच की मांग की है. यह चुनाव आयोग को तय करना है कि जांच कैसे और किससे कराई जाए.'
पार्टी ने EC को एक मेमोरेंडम दिया है, जिसमें कहा गया है कि बीजेपी नेता दिलीप घोष के फेसबुक पर बंगाल पुलिस के डीजीपी को हटाए जाने की बार-बार की गई मांग और फिर डीजीपी को हटाए जाने का ममता बनर्जी पर किए गए हमले से साफ संबंध है. पार्टी का कहना है कि नंदीग्राम में हुई घटना कोई ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना' नहीं थी, बल्कि साजिश थी.
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तृणमूल कांग्रेस के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग की पूरी टीम से मुलाकात की, जिसमें मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा भी शामिल थे. एक घंटे से भी अधिक वक्त तक चली मुलाकात में तृणमूल के नेताओं ने आयोग को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि किस प्रकार से पश्चिम बंगाल में भाजपा नेताओं ने ट्वीट और बयानों के जरिए मुख्यमंत्री को धमकी दी थी.
तृणमूल ने अपने ज्ञापन में आगामी विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम से भाजपा के उम्मीदवार शुभेन्दु अधिकारी पर आरोप लगाए हैं. ज्ञापन में कहा गया है कि, ‘बनर्जी पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गयीं. उसे ढंकने के लिए फर्जी प्रत्यक्षदर्शियों को आगे लाया गया. प्रत्यक्षदर्शी चितरंजन दास और देवव्रत दास ने कहा कि बनर्जी की कार एक लोहे के खंभे से टकरा गई. ये गवाह शुभेन्दु अधिकारी से जुड़े हुए हैं.'
(भाषा से इनपुट)
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