नई दिल्ली:
भारत में बिना वैध दस्तावेजों के ठहरने पर हिरासत में लिए गए कुल 65 पाकिस्तानी नागरिक जेल से रिहा किए जाएंगे और उन्हें यहां तीन महीनों तक रुकने की अनुमति होगी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) के उस निवेदन पर सहमति दे दी जिसमें उसने पाकिस्तानी नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा दिया है। पाकिस्तानी नागरिक सैफुल्लाह बाजवा के वकील और याचिकाकर्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता के समक्ष कहा कि संयुक्त राष्ट्र में शरणार्थियों के लिए उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) ने 65 पाकिस्तानी नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा दिया है जो इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। अरोड़ा ने कहा, "यूएनएचसीआर द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को शरणार्थी का दर्जा दिए जाने पर भारत सरकार भी इससे सहमत हुई है। फलस्वरूप सरकार ने उन्हें तीन महीने तक दिल्ली में रुकने की अनुमति दी है। इस दौरान यूएनएचसीआर उन्हें स्थानांतरित करने के लिए किसी तीसरे देश की तलाश करेगा।" न्यायालय ने कहा, "पाकिस्तानी नागरिकों को जेल से रिहा होने के बाद उन्हें महीने में एक बार पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) के समक्ष पेश होना होगा।" न्यायाधीश गुप्ता इस मामले की अगली सुनवाई छह मई को करेंगी।