सुप्रीम कोर्ट.
नई दिल्ली:
सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य होगा. सुप्रीम कोर्ट ने एक सितंबर से नए चार पहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराते समय तीन सालों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया है. दो पहिया वाहनों के लिए पांच साल तक के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है. कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगते हुए कहा सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे है. एक लाख से ज्यादा मौत हर साल हो जाती हैं, सड़क दुघर्टना में. हर तीन मिनट में एक दुर्घटना होती है. लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए. आप उनको देखिए वे सड़क दुर्घटना में मर रहे है. भारत की जनता मर रही है. उनके लिए कुछ करिए. उनके पास पैसे नहीं होते और आप आठ महीने का समय मांग रहे हैं. किसी भी कीमत पर आपको आठ महीने का समय नहीं दिया जा सकता.
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एमिकस गौरव अग्रवाल की तरफ से कहा गया थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जब कार या बाइक खरीदी जाती है तब होता है, उसके बाद नहीं कराया जाता. 66 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन हैं जिनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होता. ऐसे में कमेटी ने एक बार में ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की बात कही थी. लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने कहा 20 सालों का पैसा एक साथ संभव नहीं हो पाएगा.
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इसके बाद कमेटी ने तीन साल तक के लिए प्रस्ताव रखा. तीन साल चार पहिया वाहन के लिए और पांच साल दो पहिया वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कोई लेना नहीं चाहता क्योंकि इंश्योरेंस की क़िस्त ज्यादा हो जाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान जा रही है. कोर्ट ने इंश्योरेंस कंपनी को फटकार लगते हुए कहा सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे है. एक लाख से ज्यादा मौत हर साल हो जाती हैं, सड़क दुघर्टना में. हर तीन मिनट में एक दुर्घटना होती है. लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए. आप उनको देखिए वे सड़क दुर्घटना में मर रहे है. भारत की जनता मर रही है. उनके लिए कुछ करिए. उनके पास पैसे नहीं होते और आप आठ महीने का समय मांग रहे हैं. किसी भी कीमत पर आपको आठ महीने का समय नहीं दिया जा सकता.
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एमिकस गौरव अग्रवाल की तरफ से कहा गया थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जब कार या बाइक खरीदी जाती है तब होता है, उसके बाद नहीं कराया जाता. 66 फीसदी से ज्यादा ऐसे वाहन हैं जिनका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होता. ऐसे में कमेटी ने एक बार में ही थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की बात कही थी. लेकिन इंश्योरेंस कंपनी ने कहा 20 सालों का पैसा एक साथ संभव नहीं हो पाएगा.
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इसके बाद कमेटी ने तीन साल तक के लिए प्रस्ताव रखा. तीन साल चार पहिया वाहन के लिए और पांच साल दो पहिया वाहन के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिर्वाय किया. केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कोई लेना नहीं चाहता क्योंकि इंश्योरेंस की क़िस्त ज्यादा हो जाती है.
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