दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दी. इसके बाद बीजेपी आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पर हमलावार है. 21 मार्च को अदालत द्वारा उन्हें सुरक्षा देने से इनकार करने के कुछ ही घंटों बाद आप प्रमुख के घर पर छापा मारा गया था और प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
इस पूरे मुद्दे पर हरदीप पुरी ने कहा, "मैं संविधान का विशेषज्ञ नहीं हूं. इसलिए मैं ये नहीं बता सकता कि अरविंद केजरीवाल को सीएम के पद पर बने रहना चाहिए या नहीं, लेकिन एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने 50 साल की सार्वजनिक सेवा की है, मुझे लगता है कि ये बेशर्मी की पराकाष्ठा है कि गिरफ्तार होने और तिहाड़ जेल जाने के बावजूद उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है, मुझे लगता है कि ये पूरी तरह से बेशर्मी है.'' हरदीप पुरी ने एनडीटीवी से कहा, "अगर किसी को कोई शर्म है और वो राजनीतिक शालीनता के सामान्य मानक समझता है. तो उसे तुरंत अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि कोई और सरकार चला सके."
आप का कहना है कि केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे और तिहाड़ जेल से दिल्ली की सरकार चलाना जारी रखेंगे. इस घोषणा पर पुरी ने कहा, "सरकार सलाखों के पीछे से नहीं चलाई जा सकती."
तिहाड़ में जाने के बाद से मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दो 'आदेश' पारित किए हैं, एक स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को और दूसरा लोक निर्माण मंत्री आतिशी को. दोनों की भाजपा ने निंदा की और मुख्यमंत्री द्वारा जेल से निर्देश जारी करने के संवैधानिक औचित्य पर भी सवाल उठाए.
भाजपा ने बार-बार सीएम अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है. पिछले महीने, उनकी गिरफ़्तारी के बाद के दिनों में, आप नेता के पद छोड़ने की मांग को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने दिल्ली की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन भी किया था. दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, "मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. उनके खिलाफ लगभग एक दर्जन भ्रष्टाचार के आरोप हैं."
दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिकाएं भी दायर की गई थी, जिसमें उपराज्यपाल वीके सक्सेना या केंद्र सरकार को अरविंद केजरीवाल को इस्तीफा देने का आदेश देने की मांग की गई थी.
हालांकि, उच्च न्यायालय ने ऐसी सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा, "लोकतंत्र को अपना काम करने दें."
एनडीटीवी से बात करते हुए, हरदीप पुरी ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश स्वर्ण कांता शर्मा के फैसले की सराहना की. केजरीवाल की गिरफ्तारी पार्टी के चुनाव अभियान को बाधित करने का एक उपाय है, आप के इस तर्क पर पुरी ने कहा, "चुनाव आपको गिरफ्तारी से छूट नहीं देते हैं. उन्हें जवाब देने के लिए नौ अवसर दिए गए थे. वो पहले समन के बाद जा सकते थे. अपना जवाब दे देते, शायद तभी ये बात पूरी हो जाती."
उन्होंने कहा, "मुद्दा ये है कि अदालत ने कहा कि ईडी ने सबूत पेश किए हैं और गिरफ्तारी सही है."
अदालत द्वारा ईडी की गिरफ्तारी को बरकरार रखने के बाद अब अरविंद केजरीवाल 15 अप्रैल तक तिहाड़ जेल में रहेंगे.