महबूबा मुफ्ती की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर में रमजान के दौरान सुरक्षा बल आतंककियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकेंगे. दरअसल, कुछ दिन पहले राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को यह प्रस्ताव भेजा था जिसे अब मान लिया गया है. लिहाजा अब रमजान खत्म होने तक राज्य में सुरक्षा बल आतंकियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाएंगे.
महबूबा मुफ्ती द्वारा दिए गए प्रस्ताव में आतंकी हमले की स्थिति में भी जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगी. गौरतलब है कि बीते कुछ समय से राज्य में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना ने कई बड़ी कार्रवाई की है.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 9 मई को ऑल पार्टी मीटिंग के बाद केंद्र सरकार से रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए आतंकियों के खिलाफ एकतरफा सीजफायर करने की अपील की थी. ऑल पार्टी मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने फिर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की जम्मू-कश्मीर नीति को अपनाने की बात दोहराई थी.
महबूबा ने कहा था कि सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे 2000 में वाजपेयी जी ने एकपक्षीय युद्धविराम किया था, उसी तरह इस सरकार को भी इस पर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से आम लोगों को भी खासी समस्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि रमजान का और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए हमारी कोशिश शांतिपूर्ण हालात बनाए रखने की है.
VIDEO : एकतरफा सीजऱायर का विरोध
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रमजान के महीने में अमरनाथ यात्रा पूरी होने तक एक तरफा संघर्ष विराम की मांग का विरोध किया था. पार्टी ने दावा किया था कि ऐसा कदम राष्ट्रीय हित में बिल्कुल नही है. भाजपा की राज्य इकाई ने कहा था कि सेना की कार्रवाई से आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं और एकतरफा संघर्ष विराम उन पर पड़े दबाव को न केवल कम करेगा बल्कि उन्हें फिर से उत्साहित करेगा.
महबूबा मुफ्ती द्वारा दिए गए प्रस्ताव में आतंकी हमले की स्थिति में भी जवाबी कार्रवाई नहीं कर पाएगी. गौरतलब है कि बीते कुछ समय से राज्य में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना ने कई बड़ी कार्रवाई की है.
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 9 मई को ऑल पार्टी मीटिंग के बाद केंद्र सरकार से रमजान और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए आतंकियों के खिलाफ एकतरफा सीजफायर करने की अपील की थी. ऑल पार्टी मीटिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा मुफ्ती ने फिर से पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी की जम्मू-कश्मीर नीति को अपनाने की बात दोहराई थी.
महबूबा ने कहा था कि सभी पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई है कि जैसे 2000 में वाजपेयी जी ने एकपक्षीय युद्धविराम किया था, उसी तरह इस सरकार को भी इस पर सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई से आम लोगों को भी खासी समस्याएं हो रही हैं. उन्होंने कहा कि रमजान का और अमरनाथ यात्रा को देखते हुए हमारी कोशिश शांतिपूर्ण हालात बनाए रखने की है.
VIDEO : एकतरफा सीजऱायर का विरोध
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी की जम्मू कश्मीर इकाई ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रमजान के महीने में अमरनाथ यात्रा पूरी होने तक एक तरफा संघर्ष विराम की मांग का विरोध किया था. पार्टी ने दावा किया था कि ऐसा कदम राष्ट्रीय हित में बिल्कुल नही है. भाजपा की राज्य इकाई ने कहा था कि सेना की कार्रवाई से आतंकवादियों के हौसले पस्त हुए हैं और एकतरफा संघर्ष विराम उन पर पड़े दबाव को न केवल कम करेगा बल्कि उन्हें फिर से उत्साहित करेगा.
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