केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह.
रांची:
केंद्रीय मंत्री राजकुमार सिंह ने कहा है कि 'आतंकवादी घटना के पीछे आरएसएस के दस नेताओं के होने वाला मेरा बयान एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर था.'
पिछले हफ़्ते हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट में स्वामी असीमानंद को बरी किया गया. तब से हर व्यक्ति केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से इस जांच के बारे में उनके पूर्व के बयान को लेकर अब उनकी राय जानने के लिए उत्सुक है. हालांकि मंगलवार को सिंह ने इस मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि केंद्रीय गृह सचिव के रूप में उन्होंने जो भी कहा था वह एनआईए की जांच रिपोर्ट पर आधारित था.
राजकुमार सिंह ने मंगलवार को रांची में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ऊर्जा पर एक समीक्षा बैठक की. इसके बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. सिंह का कहना था कि कोई भी पदाधिकारी, किसी भी मंत्रालय का, जो भी अधिकारिक बयान देता है वह उस मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली जांच एजेंसी के जांच पर आधारित रिपोर्ट के आधार पर होता है.
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राजकुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में चूंकि जांच NIA के ज़िम्मे थी तो जो भी बयान उनके द्वारा दिया गया वह जो जानकारी उन्हें जांच एजेंसी ने उपलब्ध कराई वही मुख्य आधार था. सिंह ने अन्य अधिकारियों का भी बचाव करते हुए कहा कि ये किसी के मन पर नहीं रहता है कि वो बयान दे दे.
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सिंह के बयान से साफ़ है कि उन्होंने जो भी कहा था वह अपने मन से नहीं बल्कि एनआईए की जांच और उनकी गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट के आधार पर दिया. राजकुमार सिंह के केंद्रीय गृह सचिव के रूप में उस समय का वीडियो एक बार फिर पिछले हफ़्ते काफी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस के दस अधिकारियों की समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, अजमेर शरीफ़ में हुए बम धमाकों और मक्का मस्जिद ब्लास्ट में संलिप्तता के सबूत सामने आए हैं.
पिछले हफ़्ते हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट में स्वामी असीमानंद को बरी किया गया. तब से हर व्यक्ति केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से इस जांच के बारे में उनके पूर्व के बयान को लेकर अब उनकी राय जानने के लिए उत्सुक है. हालांकि मंगलवार को सिंह ने इस मामले से यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि केंद्रीय गृह सचिव के रूप में उन्होंने जो भी कहा था वह एनआईए की जांच रिपोर्ट पर आधारित था.
राजकुमार सिंह ने मंगलवार को रांची में राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ ऊर्जा पर एक समीक्षा बैठक की. इसके बाद उन्होंने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. सिंह का कहना था कि कोई भी पदाधिकारी, किसी भी मंत्रालय का, जो भी अधिकारिक बयान देता है वह उस मंत्रालय के अधीन कार्य करने वाली जांच एजेंसी के जांच पर आधारित रिपोर्ट के आधार पर होता है.
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राजकुमार सिंह ने कहा कि इस मामले में चूंकि जांच NIA के ज़िम्मे थी तो जो भी बयान उनके द्वारा दिया गया वह जो जानकारी उन्हें जांच एजेंसी ने उपलब्ध कराई वही मुख्य आधार था. सिंह ने अन्य अधिकारियों का भी बचाव करते हुए कहा कि ये किसी के मन पर नहीं रहता है कि वो बयान दे दे.
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सिंह के बयान से साफ़ है कि उन्होंने जो भी कहा था वह अपने मन से नहीं बल्कि एनआईए की जांच और उनकी गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट के आधार पर दिया. राजकुमार सिंह के केंद्रीय गृह सचिव के रूप में उस समय का वीडियो एक बार फिर पिछले हफ़्ते काफी वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा था कि आरएसएस के दस अधिकारियों की समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट, अजमेर शरीफ़ में हुए बम धमाकों और मक्का मस्जिद ब्लास्ट में संलिप्तता के सबूत सामने आए हैं.
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