उप राज्यपाल सचिवालय के मुताबिक LG विनय कुमार सक्सेना ने सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतों औऱ मामलों की जांच में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (Anti-Corruption Branch) एवं सतर्कता निदेशालय द्वारा हो रही चूकों और देरी का गंभीर संज्ञान लिया है. उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय और विभागों को भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कार्रवाई करते समय पूर्ण सावधानी और उचित प्रक्रिया सुनिश्चित करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं. उपराज्यपाल ने उन प्रशासनिक विभागों के प्रति भी अपनी नाराजगी जाहिर की है जो अपने अधिकारियों के विरूद्ध शिकायतों की जांच हेतु एजेंसियों द्वारा मांगी गई जानकारियों को या तो समय पर उपलब्ध नहीं कराते हैं या फिर देरी करते हैं.
LG ने इस संबंध में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के संबंधित अधिकारियों द्वारा एक वर्ष से अधिक समय से लंबित सभी मामलों के लिए स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही विभाग को ऐसे लंबित मामलों की सूची कारण सहित उपराज्यपाल सचिवालय को भेजने को कहा है.
उन्होंने सतर्कता निदेशालय और सभी विभागों के अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा कि जांच के लिए भेजे गए सभी मामलों औऱ शिकायतों पर गंभीरता से विचार, यथोचित प्रक्रिया एवं मामलों का विवेकपूर्ण अध्ययन करके उसे निश्चित समय सीमा के अन्दर कार्रवाई हेतु प्रस्तुत किया जाए.
उपराज्यपाल द्वारा यह निर्देश तब जारी किए गए, जब उन्होंने पाया कि सरकारी अधिकारियों के कथित भ्रष्टाचार के मामलों में बेवजह देरी की गई है. उपराज्यपाल सचिवालय ने पाया कि कई मामले 2012-2017 से जांच के लिए लंबित हैं. उपराज्यपाल ने पाया कि कई मामलों में संबंधित प्रशासनिक विभाग ने अपनी टिप्पणीयां प्रस्तुत नहीं की थी.
उपराज्यपाल ने सतर्कता विभाग को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा शिकायत संबंधी अनुरोध उनके विचार के लिए तभी प्रस्तुत किया जाए जब संबंधित प्रशासनिक विभाग अभियुक्त अधिकारियों के खिलाफ उचित छानबीन कर अपनी टिप्पणी फाइल पर दे दें.
उराज्यपाल ने निर्देश दिए कि प्रशासनिक विभाग की टिप्पणियों को रिकार्ड कर यह सुनिश्चित किया जाए कि विभिन्न एजेंसियों की सिफारिशें यथासंभव एक दूसरे से अलग और विरोधाभासी न हों।
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