कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के संकट को झेल रहे भारत में यदि संक्रमण की तीसरी लहर आई तो वह आशंकाओं से कहीं अधिक खतरनाक हो सकती है. वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के महानिदेशक शेखर सी मांडे (Shekhar C Mande) ने इसको लेकर चेतावनी दी है. मांडे ने आगाह किया है कि कोविड-19 संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है और अगर महामारी की तीसरी लहर आती है जो उसके गंभीर परिणाम होंगे. उन्होंने रविवार को कहा कि मौजूदा हालात से बाहर निकलने के लिए संस्थानों में लगातार सहयोग के साथ ही जलवायु परिवर्तन और जीवाश्म ईंधन पर अति निर्भरता से पैदा होने वाली संकटपूर्ण स्थितियों को टालना भी आवश्यक है. ऐसी संकटपूर्ण स्थिति से पूरी मानवता के लिए खतरा पैदा हो सकता है. मांडे ने तिरूवनंतपुरम में राजीव गांधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (RGCB) द्वारा आयोजित एक डिजिटल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.
इस कार्यक्रम का विषय कोविड-19 और भारत की प्रतिक्रिया था. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अभी सामुदायिक प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने से दूर है और ऐसे में लोगों को वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए. इसके अलावा लोगों को सामाजिक दूरी तथा हाथों की सफाई जैसे उपायों का भी पालन करते रहना चाहिए. मांडे ने आत्मसंतुष्टि के भाव को लेकर लोगों और वैज्ञानिक समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि अगर महामारी की तीसरी लहर आती है तो वह उस चुनौती से कहीं अधिक खतरनाक स्थिति होगी जिसका अब तक देश ने सामना किया है.
आरजीसीबी के निदेशक चंद्रभास नारायण ने डिजिटल कार्यक्रम का संचालन किया. मांडे ने वैज्ञानिक समुदाय के सवालों का जवाब देते हुए उम्मीद जताई कि कोविड-19 टीके कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों के खिलाफ प्रभावी होंगे.
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