नजीब जंग, नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र की मोदी सरकार एक बार फिर एक-दूसरे से भिड़ गई हैं। दिल्ली सरकार ने बाकायदा एक प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार पर आरोप लगाए हैं कि उसने एक रसूखदार बिजनेस लॉबी के दबाव में दिल्ली सरकार से पूछे बिना उसके 6 अफसरों का ट्रांसफर कर डाला।
एलजी ने पूछे बिना अफसरों के तबादले किए
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'एलजी साहब ने अब गृह मंत्रालय के आदेश पर राज्य सरकार से पूछे बिना 6 अफसरों के तबादले कर दिए। इनमें से एक विजय कुमार वैट कमिश्नर भी थे, जो बड़े रसूखदार लोगों पर छापामारी कर रहे थे। संभावना है कि इन रसूखदार लोगों की लॉबी के दबाव में यह कदम उठाया गया।'
रसूखदारों पर कार्रवाई करने पर वैट कमिश्नर को हटाया
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा बंद कराया था। मोदी सरकार ने उसे फिर शुरू करा दिया। सिसोदिया ने सवाल उठाया कि 'क्या ऐसी इमरजेंसी थी जो चुनी हुई सरकार से पूछे बिना ट्रांसफर कर दिया गया? साथ ही यह भी कहा कि वैट कमिश्नर जिन बड़े रसूखदार वैट डिफाल्टरों पर रेड मार रहे थे उनमें से एक का तो हवाला रैकेट से भी जुड़े होने का शक है।'
कोर्ट रोज कर रहा सुनवाई, फिर भी विवाद
डिप्टी सीएम के यह आरोप इसलिए अहम हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश देकर कहा था कि दोनों के सभी विवाद से जुड़े मामले वह अब रोजाना सुनेगी और इसलिए तब तक दोनों सरकारें एक दुसरे पर कोई कार्रवाई न करें। इसके बाद दिल्ली बनाम केंद्र की कोई खास खबर चर्चा में नहीं थी। दोनों कोई बड़ा आरोप एक-दुसरे पर नहीं लगा रही थीं।
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार ने ट्रांसफर कर दिया और दिल्ली सरकार से इस बारे में कोई चर्चा तक नहीं की गई।
एलजी ने पूछे बिना अफसरों के तबादले किए
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि 'एलजी साहब ने अब गृह मंत्रालय के आदेश पर राज्य सरकार से पूछे बिना 6 अफसरों के तबादले कर दिए। इनमें से एक विजय कुमार वैट कमिश्नर भी थे, जो बड़े रसूखदार लोगों पर छापामारी कर रहे थे। संभावना है कि इन रसूखदार लोगों की लॉबी के दबाव में यह कदम उठाया गया।'
रसूखदारों पर कार्रवाई करने पर वैट कमिश्नर को हटाया
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने सत्ता में आने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग का धंधा बंद कराया था। मोदी सरकार ने उसे फिर शुरू करा दिया। सिसोदिया ने सवाल उठाया कि 'क्या ऐसी इमरजेंसी थी जो चुनी हुई सरकार से पूछे बिना ट्रांसफर कर दिया गया? साथ ही यह भी कहा कि वैट कमिश्नर जिन बड़े रसूखदार वैट डिफाल्टरों पर रेड मार रहे थे उनमें से एक का तो हवाला रैकेट से भी जुड़े होने का शक है।'
कोर्ट रोज कर रहा सुनवाई, फिर भी विवाद
डिप्टी सीएम के यह आरोप इसलिए अहम हैं क्योंकि कुछ दिनों पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश देकर कहा था कि दोनों के सभी विवाद से जुड़े मामले वह अब रोजाना सुनेगी और इसलिए तब तक दोनों सरकारें एक दुसरे पर कोई कार्रवाई न करें। इसके बाद दिल्ली बनाम केंद्र की कोई खास खबर चर्चा में नहीं थी। दोनों कोई बड़ा आरोप एक-दुसरे पर नहीं लगा रही थीं।
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि कोर्ट के आदेश के बाद भी केंद्र सरकार ने ट्रांसफर कर दिया और दिल्ली सरकार से इस बारे में कोई चर्चा तक नहीं की गई।
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