60 रुपये के करीब बना हुआ है प्याज का खुदरा भाव, सरकार के कदम से लोगों को फौरी राहत

सरकार ने कहा कि इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने में मदद मिलेगी, क्योंकि रबी 2023 के लिए भंडारित प्याज की मात्रा में गिरावट आ रही है.

60 रुपये के करीब बना हुआ है प्याज का खुदरा भाव, सरकार के कदम से लोगों को फौरी राहत

नई दिल्ली:

अखिल भारतीय स्तर पर सोमवार को प्याज का औसत खुदरा भाव 59.09 रुपये प्रति किलोग्राम के उच्चस्तर पर बना हुआ है. प्याज कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले महीने के अंत में निर्यात पर अंकुश लगाने और घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू किया था. आपूर्ति में कमी के कारण खुदरा कीमतें लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को प्याज की अखिल भारतीय औसत कीमत 59.09 रुपये प्रति किलोग्राम है. देश में उच्चतम कीमत 90 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम कीमत 20 रुपये प्रति किलोग्राम दर्ज की गई. अखिल भारतीय मॉडल कीमत 60 रुपये प्रति किलोग्राम है.

दिल्ली में प्याज की कीमतें घटकर 60 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई हैं. राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की कीमतें 25 अक्टूबर से बढ़नी शुरू हुईं. उस समय प्याज 40 रुपये किलो के भाव पर था. 29 अक्टूबर को दाम दोगुना होकर 80 रुपये प्रति किलो हो गया.

प्याज तीन मौसमों में उगाया जाता है - ख़रीफ़, देर ख़रीफ़ और रबी. लेकिन केवल रबी प्याज का ही भंडारण किया जाता है. क्योंकि इस मौसम में उगाई जाने वाली किस्म का स्वजीवन (खराब न होने की अवधि) लंबी होती है. 28 अक्टूबर को सरकार ने घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर काबू पाने के लिए इस साल 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया.

ये निर्णय 29 अक्टूबर को प्रभावी हुआ. 800 डॉलर प्रति टन का एमईपी लगभग 67 रुपये प्रति किलोग्राम बैठता है. इसके अलावा, सरकार ने बफर के लिए अतिरिक्त दो लाख टन प्याज की खरीद की भी घोषणा की है, जो पहले से खरीदे गए पांच लाख टन के अतिरिक्त है.

एमईपी बेंगलोर रोज़ और कृष्णापुरम प्याज के अलावा पाउडर के रूप में कटे या चूरा बनाये गये प्याज को छोड़कर प्याज की बाकी सभी किस्मों के लिए लगाया गया है.

रबी 2023 के लिए भंडारित प्याज की मात्रा में गिरावट आ रही है
सरकार ने कहा कि इस कदम से घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर प्याज की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखने में मदद मिलेगी, क्योंकि रबी 2023 के लिए भंडारित प्याज की मात्रा में गिरावट आ रही है.

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 20 अक्टूबर तक देश से करीब 15 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है. वित्त वर्ष 2022-23 में कुल प्याज निर्यात 25 लाख टन का हुआ था.

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सोमवार को आलू की अखिल भारतीय औसत कीमत 25.24 रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि टमाटर की औसत दर 38.18 रुपये प्रति किलोग्राम है. दिल्ली में आलू और टमाटर की कीमतें अधिक यानी क्रमशः 30 रुपये प्रति किलोग्राम और 47 रुपये प्रति किलोग्राम हैं.