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This Article is From Nov 14, 2014

कैंसर से जूझ रहे बच्चे का सपना हुआ पूरा, बना एक दिन के लिए फाइटर पायलट

कैंसर से जूझ रहे बच्चे का सपना हुआ पूरा, बना एक दिन के लिए फाइटर पायलट
बोन कैंसर से पीड़ित चंदन बना 'फाइटर पायलट'
अंबाला:

फाइटर पायलट बनना किसी भी किशोर के सबसे खूबसूरत सपनों में से एक होता है। भारतीय वायुसेना के विमान उड़ाने वाले  अफसरों की वर्दी पहनना शान की ही नहीं, एक बड़ी ज़िम्मेदारी की बात है। हड्डियों के कैंसर से लड़ रहे 14 साल के चंदन के लिए यह सपना सच हो गया, जब भारतीय वायुसेना ने उसे एक दिन के लिए पायलट होने का मौका दिया।

दो साल पहले एनडीटीवी को चंदन एम्स के बाहर मिला था। बोन कैंसर का यह बीमार बिल्कुल जमा देने वाली ठंड में बाहर पड़ा था। जब हमने उसकी कहानी दिखाई तो उसे हर मुमकिन इलाज मुहैया कराने के लिए हर तरफ से मदद मिलनी शुरू हो गई। सिर के ऊपर छत भी मिल गई।

अब अंबाला के इस एयरफोर्स स्टेशन में भारतीय वायुसेना ने उसके सपनों को पंख दे दिए। उसे देश के सबसे कम उम्र के फ्लाइट लेफ्टिनेंट का दर्जा दे डाला।

अफसरों और उनके परिवारवालों की एक टी पार्टी में चंदन ने अपनी गिरती हालत के बावजूद हौंसले भरी मुस्कान से सबका दिल जीत लिया। यही नहीं चंदन ने अपनी फर्स्ट फ्लाइट का सर्टिफिकेट हासिल किया। वह भी उन लोगों के साथ खड़े होकर, जो उसके हीरो रहे हैं। उसने अपना सपना भी पूरा किया और यह भी समझा कि किस तरह भारतीय वायुसेना के पायलट देश के लिए लड़ने में कोई कसर बाकी नहीं रखते।

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