विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि फलस्तीनी समूह हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बारे में लोकसभा में पूछे गए सवाल का जवाब देने वाले मंत्री के नाम में बदलाव करते हुए इसे वी मुरलीधरन किया जा रहा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की ओर से यह स्पष्टीकरण तब आया, जब इसके कुछ घंटे पहले विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि उन्होंने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बारे में लोकसभा में पूछे गए किसी भी सवाल के जवाब का अनुमोदन नहीं किया. लेखी और मुरलीधरन दोनों विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं.
जब सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक उपयोगकर्ता द्वारा इस बात का उल्लेख किया गया कि लोकसभा और विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर उनके नाम से उल्लिखित एक प्रश्न है, इसका जवाब देते हुए लेखी ने कहा, ‘‘आपको गलत जानकारी दी गई है, क्योंकि मैंने इस सवाल और इसके जवाब से संबंधित किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किया है.''
उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘जांच से अपराधी का पता चल जाएगा.'' बागची ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘हमने देखा है कि 8 दिसंबर को लोकसभा की अतारांकित प्रश्न संख्या 980 का जो जवाब दिया गया है, उसमें उत्तरदाता के रूप में वी मुरलीधरन का नाम दर्शाने के लिये तकनीकी सुधार की आवश्यकता है. यह उचित रूप से किया जा रहा है.'
बागची का जवाब मामले में मीडिया के सवालों के जवाब में आया.
अतारांकित प्रश्न क्रमांक 980 को लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था, जिसमें उत्तरदाता के रूप में लेखी का नाम था.
‘हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने' के शीर्षक वाला प्रश्न कांग्रेस सांसद कुंभकुडी सुधाकरन द्वारा पूछा गया था.
संसद के निचले सदन में कन्नूर का प्रतिनिधित्व करने वाले सुधाकरन ने पूछा था कि क्या सरकार के पास हमास को भारत में आतंकवादी संगठन घोषित करने का कोई प्रस्ताव है, यदि हां, तो उसका विवरण और यदि नहीं, तो क्या कारण हैं?
उन्होंने यह भी पूछा था कि क्या इजराइल सरकार ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए भारत सरकार से कोई मांग उठाई है, यदि हां, तो उसका विवरण क्या है?
प्रश्न का उत्तर शुक्रवार को दिया गया और यह लोकसभा वेबसाइट पर अतारांकित प्रश्नों की सूची में शामिल है.
प्रश्न के लिखित उत्तर में लेखी के हवाले से कहा गया था, ‘‘किसी संगठन को आतंकवादी घोषित करना गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आता है और किसी भी संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित करने के बारे में संबंधित सरकारी विभागों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार विचार किया जाता है.''
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले को लेकर ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘क्या वह (लेखी) यह दावा कर रही हैं कि यह एक जाली जवाब है, यदि हां तो यह एक गंभीर मामला और तय नियमों का उल्लंघन है. स्पष्टीकरण मिलता है तो विदेश मंत्रालय की आभारी रहूंगी.''
चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘किसी और के माध्यम से प्रश्न पूछने के कारण कल एक सांसद (महुआ मोइत्रा) को निष्कासित कर दिया गया, आज एक मंत्री ने इस बात से इनकार किया कि संसदीय प्रश्न का उत्तर उनके द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया था, क्या इसकी भी जांच नहीं की जानी चाहिए? क्या जवाबदेही की मांग नहीं होनी चाहिए?, चाहे विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया कितनी भी सहज क्यों न हो.''
कांग्रेस नेता अभिताभ दुबे ने कटाक्ष करते हुए लेखी से सवाल किया, ‘‘आपके लिए किसने लॉग इन किया?''
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