उत्तर प्रदेश का संभल प्राचीन मंदिर मिलने के बाद से ही चर्चाओं में बना हुआ है. संभल में पिछले दिनों मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद प्रशासन की टीम इलाके में बिजली और अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है. बीते दिनों खग्गू सराय इलाके में प्रशासन को एक प्राचीन मंदिर मिला है. संभल का एक लंबा इतिहास रहा है. दावा किया जा रहा है कि एक समय पर यहां मंदिर हुआ करता था, जिसे बाबर ने तोड़कर मस्जिद बनाई थी.
संभल में हाल ही में खुदाई के दौरान ‘मृत्यु का कूप' मिला है. एक ऐसा कूप जिसे लोग पुण्य और इतिहास दोनों के लिए खोद रहे हैं. वैसे, इस कूप के बगल में एक मंदिर होने का दावा किया गया है. अब ये दावा कितना पक्का है, ये तो खुदाई पूरी होने के बाद ही पता चलेगा. फिलहाल, स्थानीय लोग इसे देखने उमड़ पड़े हैं, जैसे ये मंदिर नहीं, बल्कि ‘संभल का टाइम मशीन' हो!" कहा जाता है कि संभल एक वक्त में तीर्थों का केंद्र होता था. पौराणिक कथाओं में संभल में 84 कौसी परिक्रमा मार्ग है और इस मार्ग के अंदर 68 तीर्थ है. इसमें 19 कूप का भी जिक्र किया गया. जिनका अपना धार्मिक महत्व है. समय के साथ इन पर मिट्टी जम गई, जिससे ये ढक गए. अब लोगों की निशानदेही के आधार पर इन्हें फिर से खोजा जा रहा है और इनकी साफ-सफाई कराई जा रही है. जिला प्रशासन का कहना है कि अब संभल को धार्मिक पर्यटन का बड़ा केंद्र बनाने की कोशिश हो रही है.
चंदौसी के खग्गू सराय इलाके में तो अजब-गजब चल रहा है. यहां खुदाई के दौरान मिली है एक ‘रानी की बावड़ी'. बावड़ी से सुरंगें निकल रही हैं. कुछ लोगों का कहना है कि ये 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हो सकती हैं. अब ये संग्राम का इतिहास है या पानी की पाइपलाइन का नक्शा, ये भी समय बताएगा.
शाही जामा मस्जिद...विवाद है कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी. दावा है कि बाबर ने 1529 में इस मस्जिद का निर्माण करवाया था. मीनाक्षी जैन और श्री राम शर्मा जैसे इतिहासकारों ने बाबर के शासनकाल 1526 से 1530) के दौरान संभल में एक प्राचीन मंदिर के विनाश का दस्तावेजीकरण किया है. इतिहासकार मीनाक्षी जैन के अनुसार, भारत में मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने संभल में एक मंदिर को नष्ट करने का आदेश दिया था. ऐसा ही आदेश उसने अयोध्या के लिए भी दिया था. इतिहासकार मीनाक्षी जैन ने 2023 में एक चैनल पर दिए एक साक्षात्कार में कहा, ''दूसरी मस्जिद जो बाबर ने भारत में बनवाई थी, वह संभल में थी. बाबर ने अपने सेनापति को उस मंदिर को नष्ट करने का आदेश दिया था और उसके आदेश पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया था. जैन ने अपनी किताब 'द बैटल फॉर राम- केस ऑफ द टेंपल एट अयोध्या' में लिखा है, 'मस्जिद पर लगे शिलालेख में साफ लिखा है कि इसे बाबर के आदेश पर बनाया गया था और मंदिर के निर्माण में मंदिर के टुकड़ों का इस्तेमाल किया गया था.' उन्होंने कहा, 'कहा जाता है कि बाबर के अधिकारियों में से एक हिंदू बेग ने संभल में एक हिंदू मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था. इतिहासकार श्री राम शर्मा ने 1940 में प्रकाशित अपनी पुस्तक 'द रिलिजियस पॉलिसी ऑफ द मुगल सम्राटों' में लिखा है, "उनके सद्र, शेख ज़ैन ने चंदेरी (मध्य प्रदेश) में कई हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर दिया, जब उन्होंने उस पर कब्जा कर लिया था.'
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