सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज अदाणी-हिंडनबर्ग मामले (Adani-Hindenburg Case) पर बड़ा फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की जांच रिपोर्ट में दखल देने से साफ तौर पर इंकार कर दिया है. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि SEBI की जांच एसआईटी (SIT) को ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला अदाणी ग्रुप की जीत है. अदाणी ग्रुप (Adani group) के हित में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाली ओसीसीआरपी की रिपोर्ट मार्केट रेगुलेटर की जांच पर संदेह करने का आधार नहीं हो सकती है.
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यहां पढ़ें अदाणी-हिंडनबर्ग मामले पर चीफ जस्टिस (CJI) की बड़ी टिप्पणियां:
- "भारत सरकार और सेबी इस बात पर गौर करेंगे कि क्या शॉर्ट सेलिंग पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कानून का कोई उल्लंघन हुआ है और यदि हां, तो कानून के मुताबिक कार्रवाई करें."
- "सेबी ने 22 में से 20 मामलों में जांच पूरी कर ली है. सॉलिसिटर जनरल के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए, हम सेबी को अन्य दो मामलों में तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश देते हैं."
- "जांच ट्रांसफर करने की शक्ति का प्रयोग असाधारण परिस्थितियों में किया जाना चाहिए. ठोस औचित्य के अभाव में ऐसी शक्तियों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है."
- "वैधानिक नियामक पर सवाल उठाने के लिए न्यूज पेपर की रिपोर्ट्स और थर्ड पार्टी ऑर्गेनाइजेशन पर भरोसा करना आत्मविश्वास को प्रेरित नहीं करता है. इन्हें सेबी जांच पर संदेह करने के लिए इनपुट के रूप में माना जा सकता है, लेकिन निर्णायक सबूत नहीं."
- "जनहित याचिका को आम नागरिकों तक पहुंच प्रदान करने के लिए विकसित किया गया था. ऐसी याचिकाएं जिनमें पर्याप्त शोध की कमी है और उनमें अप्रमाणित रिपोर्टों पर भरोसा किया गया है, उन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता है."
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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)
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