नई दिल्ली:
सरकारी विज्ञापनों में मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर लगी रोक हटाई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट अपने उस फैसले पर दोबारा गौर करने को राजी हो गया है, जिसमें कहा गया था कि करदाताओं के पैसों से किए जाने वाले सार्वजनिक विज्ञापनों में सिर्फ प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मुख्य न्यायाधीश की तस्वीरें ही इस्तेमाल की जा सकती हैं।
कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी। इन चारों राज्यों में से किसी में भी बीजेपी का शासन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अब 13 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई होगी।
इन राज्यों का कहना है कि प्रधानमंत्री की तरह मुख्यमंत्री भी सरकार के निर्वाचित प्रमुख होते हैं, इसलिए सरकारी नीतियों और उपलब्धियों के प्रचार के विज्ञापनों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल होना चाहिए।
कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और असम ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी। इन चारों राज्यों में से किसी में भी बीजेपी का शासन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अब 13 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई होगी।
इन राज्यों का कहना है कि प्रधानमंत्री की तरह मुख्यमंत्री भी सरकार के निर्वाचित प्रमुख होते हैं, इसलिए सरकारी नीतियों और उपलब्धियों के प्रचार के विज्ञापनों में उनकी तस्वीर का इस्तेमाल होना चाहिए।
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