नई दिल्ली:
गुजरात के पूर्व गृहराज्य मंत्री अमित शाह की जमानत खारिज करने की सीबीआई अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है और मामले की सुनवाई गुजरात से बाहर मुंबई कोर्ट में ट्रांसफर कर दी है। इसके साथ ही शाह के गुजरात जाने पर लगी रोक भी हटा ली गई है।
वह 2010 से जमानत पर बाहर हैं। यह मामला 2005 में सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ और उनकी पत्नी कौसर बी हत्या से जुड़ा हुआ है।
अमित शाह कोर्ट के फैसले से खुश हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सीबीआई को लगता है कि इस केस की सुनवाई किसी ओर राज्य में हो तो उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। यह केस झूठा है और वह किसी भी अदालत से पाक-साफ ही निकलेंगे।
बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देश और गुजरात की जनता को इस फैसला से खुशी हुई है।
अमित शाह पर इस केस में हत्या, अपहरण, आपराधिक षड्यंत्र और वसूली समेत कई अन्य गंभीर आरोप हैं। जुलाई 2010 में अहमदाबाद में उन्होंने सरेंडर किया था। कई महीनों जेल में रहने के बाद अक्टूबर 2010 में शाह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
गौरतलब है कि तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ का मामला सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ से जुड़ा हुआ है। प्रजापति ही सोहराबुद्दीन शेख का साथी था। 2005 में तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी।
वह 2010 से जमानत पर बाहर हैं। यह मामला 2005 में सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ और उनकी पत्नी कौसर बी हत्या से जुड़ा हुआ है।
अमित शाह कोर्ट के फैसले से खुश हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने ही सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर सीबीआई को लगता है कि इस केस की सुनवाई किसी ओर राज्य में हो तो उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है। यह केस झूठा है और वह किसी भी अदालत से पाक-साफ ही निकलेंगे।
बीजेपी के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि देश और गुजरात की जनता को इस फैसला से खुशी हुई है।
अमित शाह पर इस केस में हत्या, अपहरण, आपराधिक षड्यंत्र और वसूली समेत कई अन्य गंभीर आरोप हैं। जुलाई 2010 में अहमदाबाद में उन्होंने सरेंडर किया था। कई महीनों जेल में रहने के बाद अक्टूबर 2010 में शाह को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी, जिसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
गौरतलब है कि तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ का मामला सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ से जुड़ा हुआ है। प्रजापति ही सोहराबुद्दीन शेख का साथी था। 2005 में तुलसी प्रजापति की मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी।
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