भारतीय सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
यूपी के इटावा में चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाते हुए कहा है कि 100 करोड़ रुपये सरकार ने दिए. लेकिन ये कैसे हो सकता है कि सरकारी संपत्ति किसी प्राइवेट सोसाइटी को दी जाये?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जो सोसाइटी इस कॉलेज को चला रही है उसका पुनर्गठन क्यों न किया जाये? और सोसाइटी सरकार की निगरानी में काम करे. सोसाइटी में सरकारी अधिकारी भी हों. मामले की सुनवाई 7 नवम्बर को होगी. वहीं यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा है कि वो कॉलेज संचालन के लिए सरकारी अफसरों की नियुक्ति करेगी और सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी देगी.
सरकार ने ये भी बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में कॉलेज की जमीन सरकार के नाम ही है. दरअसल, सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई के पास ही हैबरा नाम की जगह पर चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज है. 2004 में यूपी के मुख्यमंत्री रहते मुलायम सिंह यादव ने उस कॉलेज को सरकार के आकस्मिक फंड से 100 करोड़ रुपये दिए थे. मुलायम ने ऐसा अपने भाई और इस वक़्त लोक निर्माण मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव की सिफारिश पर किया था.
इसके खिलाफ मनेन्द्र नाथ राय नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कॉलेज चलाने वाले ट्रस्ट के साथ ही मुलायम और शिवपाल को भी नोटिस जारी किया था. लेकिन दोनों ने अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि जो सोसाइटी इस कॉलेज को चला रही है उसका पुनर्गठन क्यों न किया जाये? और सोसाइटी सरकार की निगरानी में काम करे. सोसाइटी में सरकारी अधिकारी भी हों. मामले की सुनवाई 7 नवम्बर को होगी. वहीं यूपी सरकार ने कोर्ट में कहा है कि वो कॉलेज संचालन के लिए सरकारी अफसरों की नियुक्ति करेगी और सुप्रीम कोर्ट को इसकी जानकारी देगी.
सरकार ने ये भी बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में कॉलेज की जमीन सरकार के नाम ही है. दरअसल, सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव के गांव सैफई के पास ही हैबरा नाम की जगह पर चौधरी चरण सिंह डिग्री कॉलेज है. 2004 में यूपी के मुख्यमंत्री रहते मुलायम सिंह यादव ने उस कॉलेज को सरकार के आकस्मिक फंड से 100 करोड़ रुपये दिए थे. मुलायम ने ऐसा अपने भाई और इस वक़्त लोक निर्माण मंत्री रहे शिवपाल सिंह यादव की सिफारिश पर किया था.
इसके खिलाफ मनेन्द्र नाथ राय नाम के शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और कॉलेज चलाने वाले ट्रस्ट के साथ ही मुलायम और शिवपाल को भी नोटिस जारी किया था. लेकिन दोनों ने अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं किया है.
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