विज्ञापन
This Article is From Mar 20, 2023

पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग

पिछले साल अक्तूबर में महाराष्ट्र सरकार मामले की जांच सीबीआई को देने को तैयार हो गई थी. नई शिंदे-भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह सीबीआई जांच के लिए तैयार है. उसे जांच सीबीआई को देने में कोई आपत्ति नहीं है. इससे पहले उद्धव सरकार ने CBI जांच का विरोध किया था.

पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग

2020 में पालघर में साधुओं की हत्या का मामले में सुप्रीम कोर्ट से जल्द सुनवाई की मांग की है. CJI ने भरोसा दिलाया कि वो मामले को सुनवाई को लिस्ट करेंगे. दरअसल, वकील की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार मामले को सीबीआई को देने को तैयार हो गई है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई कर निपटारा किया जाए.

पिछले साल अक्तूबर में महाराष्ट्र सरकार मामले की जांच सीबीआई को देने को तैयार हो गई थी. नई शिंदे-भाजपा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था. सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह सीबीआई जांच के लिए तैयार है. उसे जांच सीबीआई को देने में कोई आपत्ति नहीं है. इससे पहले उद्धव सरकार ने CBI जांच का विरोध किया था.

उद्धव सरकार ने कहा था कि दो चार्जशीट दाखिल की गई हैं. दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है इसलिए जांच सीबीआई को देने की जरूरत नहीं है. दो साल पहले 16 अप्रैल 2020 को पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील पर सुनवाई हो रही है. 

इससे पहले पालघर में दो साधुओं की हत्या के मामले में महाराष्ट्र पुलिस (Maharashtra Police) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा दायर किया था. महाराष्ट्र पुलिस ने सीबीआई (CBI) जांच की मांग का विरोध किया है. पुलिस ने कहा है कि याचिका खारिज करने के साथ याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए. राज्य CID गहन जांच के बाद पहले ही दो चार्जशीटें दायर कर चुकी है. इन चार्जशीटों को भी कोर्ट में दाखिल किया गया है. अपराध को रोकने में / ज़िम्मेदारी के निर्वहन में जिनकी लापरवाही पाई गई, उन पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की गई. विभागीय जांच में दोषी पाए गए सहायक पुलिस इस्पेक्टर आनंदराव शिवाजी काले को सर्विस से बर्खास्त किया गया है. इसके अलावा असिस्टेंट पुलिस सब इस्पेक्टर रविन्द्र दिनकर सालुंखे और हेडकांस्टेबल नरेश ढोंडी को कंपल्सरी रिटायरमेंट दिया गया है. इसके अलावा लापरवाही के दोषी 15 दूसरे पुलिस कर्मियों को दो/ तीन साल के लिए न्यूनतम सैलेरी दिए जाने का दंड दिया गया है.

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि लापरवाही बरतने वाले पुलिस कर्मियों पर क्या कार्रवाई की गई. साथ ही मामले में दाखिल चार्जशीटों को अदालत के सामने रखने को कहा गया था.
 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com