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This Article is From May 02, 2023

अपने प्रिय नेता के इस्तीफे के बाद भावुक हुए समर्थक, शरद पवार ने दिया ये आश्वासन

पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, जितेंद्र अवहद और दिलिप वालसे ने कहा कि वो शरद पवार के निर्णय को स्वीकार नहीं करने वाले हैं.

शरद पवार के इस्तीफे के बाद पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हुए भावुक

मुंबई:

शरद पवार के बतौर NCP प्रमुख इस्तीफे को लेकर पार्टी नेता और कार्यकर्ता खासे भावुक हैं. शरद पवार जो देश के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में से एक हैं, ने मुंबई में एक इवेंट के दौरान NCP अध्यक्ष पद से इस्तीफे का ऐलान किया. हालांकि, उनके इस ऐलान के बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके पद छोड़ने का विरोध किया. उन्होंने मांग भी की कि शरद पवार अपना फैसला वापस ले लें. 

कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे

शरद पवार के इस ऐलान के बाद पार्टी नेता जयंत पाटिल उनके सामने ही भावुक हो गए. हालांकि, उन्हें अन्य पार्टी नेताओं ने संभालने की कोशिश भी की. वहीं, वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, जितेंद्र अवहद और दिलिप वालसे ने कहा कि वो शरद पवार के निर्णय को स्वीकार नहीं करने वाले हैं. इस घोषणा के तुरंत बाद ही पार्टी के कई कार्यकर्ता ऑडिटोरियम से बाहर आकर नीचे बैठ गए और शरद पवार के समर्थन में नारे लगाने लगे. 

पवार ने दिया आश्वासन

पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भावुक होता देख और अपने फैसले पर विचार करने के अनुरोध के बीच शरद पवार ने सबको आश्वासन दिया कि वो सार्वजनिक जीवन से रिटायर नहीं हो रहे हैं, ऐसे में आपको चाहिए कि आप मेरे फैसले को स्वीकार करें. उन्होंने कहा कि चलिए हम सब साथ मिलकर काम करते हैं लेकिन आप मेरे इस्तीफे को स्वीकार कर लें.

शरद पवार ने एक कार्यक्रम के दौरान किया इस्तीफे का ऐलान

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है. पवार ने यहां यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में अपनी आत्मकथा का विमोचन करने के अवसर पर अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान किया जिस पर राकांपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया. पवार ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ने का फैसला किया है.''

वरिष्ठ नेताओं का पैनल बनाने की घोषणा

उन्होंने पार्टी की आगे की रणनीति तय करने के लिए वरिष्ठ नेताओं का पैनल बनाने की घोषणा की. हालांकि, राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पवार से फैसला वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि जब तक पवार फैसला वापस नहीं लेते वे समारोह स्थल से नहीं जाएंगे.पूर्व केंद्रीय मंत्री और चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे पवार की राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना का महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठजोड़ बनाने में अहम भूमिका रही है.पवार ने 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एमवीए सरकार बनाने के लिए NCP, कांग्रेस और वैचारिक रूप से अलग नजरिया वाली शिवसेना को एक साथ लाने में का काम किया था और बीजेपी को सत्ता से बाहर रखा था.

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