रियल्टी फर्म सुपरटेक लिमिटेड के अध्यक्ष आरके अरोड़ा ने कहा है कि नोएडा में ट्विन टावरों को गिराए जाने के कारण निर्माण और ब्याज लागत सहित लगभग 500 करोड़ का नुकसान हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रविवार दोपहर 2.30 बजे लगभग 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर्स एपेक्स और सेयेन को ध्वस्त कर दिया गया. एमराल्ड कोर्ट परिसर के भीतर मानदंडों का उल्लंघन कर उनका निर्माण कराया गया था. इस ऑपरेशन में 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया था. तोड़फोड़ में ही करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है.
आरके अरोड़ा ने पीटीआई को बताया, "हमारा कुल नुकसान लगभग ₹500 करोड़ है, जिसमें हमने भूमि और निर्माण लागत पर खर्च की गई राशि, विभिन्न अनुमोदनों के लिए अधिकारियों को भुगतान किए गए शुल्क, सालों से बैंकों को भुगतान किए गए ब्याज और खरीदारों को वापस भुगतान किए गए 12 प्रतिशत ब्याज हैं."
ये ट्विन टावर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर 93ए में सुपरटेक की एमराल्ड कोर्ट परियोजना का हिस्सा थे. दो टावरों में 900 से अधिक अपार्टमेंट का मौजूदा बाजार मूल्य ₹700 करोड़ से अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है.
आरके अरोड़ा ने कहा कि इन दोनों टावरों का कुल निर्मित क्षेत्र लगभग 8 लाख वर्ग फुट है. हमने इन टावरों का निर्माण नोएडा विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित भवन योजना के अनुसार किया था. वहीं गिराए जाने की लागत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुपरटेक, एडिफिस इंजीनियरिंग को ₹17.5 करोड़ का भुगतान कर रहा है, जिसे ₹100 करोड़ के बीमा कवर के लिए प्रीमियम राशि सहित संरचनाओं को सुरक्षित रूप से नीचे गिराने का काम सौंपा गया था. इसके अलावा, धमाके से जुड़ी कई अन्य लागतें हैं.
एडिफिस ने परियोजना के लिए दक्षिण अफ्रीकी विशेषज्ञों जेट डिमोलिशन्स को नियुक्त किया था. पिछले साल अगस्त में, सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावरों को गिराने का आदेश दिया था और निर्देश दिया था कि बुकिंग के समय से घर खरीदारों की पूरी राशि 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को ट्विन टावरों के निर्माण के कारण हुए उत्पीड़न के लिए ₹ 2 करोड़ का भुगतान किया जाए. अदालत ने कहा था कि सुपरटेक के दो 40 मंजिला टावरों का निर्माण 915 फ्लैटों और 21 दुकानों के साथ नोएडा प्राधिकरण की मिलीभगत से किया गया था.
सुपरटेक ने एक बयान में कहा कि विध्वंस उसकी अन्य परियोजनाओं को प्रभावित नहीं करेगा, हमने होमबॉयर्स को 70,000 से अधिक इकाइयों की डिलीवरी पूरी कर दी है और हम अपने सभी को आश्वस्त करते हैं कि हम शेड्यूल समय सीमा के अनुसार शेष होमबॉयर्स को डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. होम बायर्स को कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसी भी चल रहे प्रोजेक्ट पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बाकी सभी प्रोजेक्ट्स जारी रहेंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं