सुब्रमण्यम स्वामी पटियाला हाउस जाते हुए
नई दिल्ली:
नेशनल हेराल्ड मामले में याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी अपनी पत्नी रोक्सना स्वामी के साथ पटियाला हाउस पहुंचे थे। कोर्ट पहुंचने से पहले स्वामी ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि 'पेशी के लिए कानून के सामने सब बराबर हैं। मैं सरकार की तरफ से नहीं हूं, मेरे पास कोई सरकारी पद नहीं है। मैंने एक नागरिक के रूप में दिखाया कि हमारे संविधान में यह प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति जब अपराध देखता है तो उसके विरुद्ध केस दायर कर सकता है।'
स्वामी ने आगे कहा कि 'ये लोग (सोनिया गांधी और राहुल गांधी एवं अन्य) हाईकोर्ट में गए और वहां भी उनकी अपील रद्द हुई। इन लोगों को मुकदमे की सुनवाई में शामिल होना चाहिए। ये जुलूस निकालना, भीड़ लाने की वजह से सरकारी इंतज़ामात में सरकारी खर्च करना पड़ता है।' स्वामी के मुताबिक 'इससे दुनिया भर में संदेश जाएगा कि हमारे देश में सब बराबर नहीं है और लोकतंत्र पूरी तरह कायम नहीं है। कांग्रेस हारने वाली है, इसलिए यह सब कर रही है। अगर वह जीतने वाली होती तो हंस-हंसकर कोर्ट में जाना चाहिए।'
'राव ने दी थी सुरक्षा'
इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने कहा था कि स्वामी को इस मामले को घसीटने के लिए सरकार की तरफ से ज़ेड सेक्योरिटी और सरकारी मकान दिया गया है। इस पर स्वामी ने कहा कि उन्हें ज़ेड सुरक्षा पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव ने दी थी। बीच में यूपीए सरकार ने इसे चंद प्रांतों के लिए सीमित रखा था। इसके बाद मौजूदा केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से प्रदान किया। यह कोई नई बात नहीं है।
स्वामी ने आगे कहा कि 'ये लोग (सोनिया गांधी और राहुल गांधी एवं अन्य) हाईकोर्ट में गए और वहां भी उनकी अपील रद्द हुई। इन लोगों को मुकदमे की सुनवाई में शामिल होना चाहिए। ये जुलूस निकालना, भीड़ लाने की वजह से सरकारी इंतज़ामात में सरकारी खर्च करना पड़ता है।' स्वामी के मुताबिक 'इससे दुनिया भर में संदेश जाएगा कि हमारे देश में सब बराबर नहीं है और लोकतंत्र पूरी तरह कायम नहीं है। कांग्रेस हारने वाली है, इसलिए यह सब कर रही है। अगर वह जीतने वाली होती तो हंस-हंसकर कोर्ट में जाना चाहिए।'
'राव ने दी थी सुरक्षा'
इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने कहा था कि स्वामी को इस मामले को घसीटने के लिए सरकार की तरफ से ज़ेड सेक्योरिटी और सरकारी मकान दिया गया है। इस पर स्वामी ने कहा कि उन्हें ज़ेड सुरक्षा पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव ने दी थी। बीच में यूपीए सरकार ने इसे चंद प्रांतों के लिए सीमित रखा था। इसके बाद मौजूदा केंद्र सरकार ने इसे पूरी तरह से प्रदान किया। यह कोई नई बात नहीं है।
बता दें कि भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में एक याचिका दायर करके कांग्रेस के नेताओं पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का उपाय निकाला जो 'नियमों के ख़िलाफ़' है। दिल्ली की एक अदालत ने मामले में चार गवाहों के बयान दर्ज किए और 26 जून 2014 को अदालत ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित नई कंपनी में निदेशक बनाए गए सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, ऑस्कर फर्नांडिस और मोतीलाल वोरा को पेश होने का समन भेज दिया।
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