साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटा दिया गया है
टाटा सन्स और उसके हटाए गए चेयरमैन साइरस मिस्त्री के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. करीब एक सप्ताह पहले टाटा संस के चेयरमैन पद से बेदखल किए गए साइरस ने उन चर्चाओं को निराधार बताया है कि डोकोमो मुद्दे को जिस ढंग से लिया गया वह टाटा समूह की संस्कृति और मूल्यों से मेल नहीं खाता था.
48 साल के मिस्त्री ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि यह कहना गलत और शरारतपूर्ण है कि डोकोमो सौदे पर रतन टाटा की जानकारी या सहमति के बिना मैंने खुद-ब-खुद कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि जो बातचीत हुई थी उसके मद्देनजर यह कहना गलत होगा कि (डोकोमो मामले में) जिस तरह मुकदमा लड़ा गया उसे रतन टाटा और न्यासियों से अनुमति नहीं मिलती. साइरस ने कहा कि डोकोमो सौदे के बारे में सभी सभी निर्णय टाटा संस के निदेशक मंडल की स्वीकृति से लिए गए, सभी कदम सामूहिक रूप से लिए जाने वाले निर्णयों के अनुरूप है.
गौरतलब है कि नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल के फैसले में साइरस को हटाने का फैसला लिया गया था. नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. जब तक ग्रुप के लिए नया चेयरमैन नहीं तलाश किया जाता, तब तक के लिए रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनया गया है.
साइरस को हटाए जाने के बाद पिछले सप्ताह कर्मचारियों को लिखे खत में रतन टाटा ने कहा था कि टाटा ग्रुप को आश्वस्त करने तथा स्थायित्व के हितों के लिए वह चेयरमैन के रूप में वापस आए हैं. रतनने मुंबई में ग्रुप के बॉम्बे हाउस ऑफिस में समूह की कंपनियों के शीर्ष सीईओ से मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि ग्रुप के दीर्घकालिक हितों को प्राथमिकता दी जाएगी.
48 साल के मिस्त्री ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि यह कहना गलत और शरारतपूर्ण है कि डोकोमो सौदे पर रतन टाटा की जानकारी या सहमति के बिना मैंने खुद-ब-खुद कार्रवाई की. उन्होंने कहा कि जो बातचीत हुई थी उसके मद्देनजर यह कहना गलत होगा कि (डोकोमो मामले में) जिस तरह मुकदमा लड़ा गया उसे रतन टाटा और न्यासियों से अनुमति नहीं मिलती. साइरस ने कहा कि डोकोमो सौदे के बारे में सभी सभी निर्णय टाटा संस के निदेशक मंडल की स्वीकृति से लिए गए, सभी कदम सामूहिक रूप से लिए जाने वाले निर्णयों के अनुरूप है.
गौरतलब है कि नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल के फैसले में साइरस को हटाने का फैसला लिया गया था. नौ सदस्यों के बोर्ड पैनल में से छह ने साइरस को हटाने के पक्ष में राय दी थी जबकि दो अनुपस्थित रहे थे. नौवें सदस्य ने प्रक्रिया का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था. जब तक ग्रुप के लिए नया चेयरमैन नहीं तलाश किया जाता, तब तक के लिए रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनया गया है.
साइरस को हटाए जाने के बाद पिछले सप्ताह कर्मचारियों को लिखे खत में रतन टाटा ने कहा था कि टाटा ग्रुप को आश्वस्त करने तथा स्थायित्व के हितों के लिए वह चेयरमैन के रूप में वापस आए हैं. रतनने मुंबई में ग्रुप के बॉम्बे हाउस ऑफिस में समूह की कंपनियों के शीर्ष सीईओ से मुलाकात की थी और आश्वासन दिया था कि ग्रुप के दीर्घकालिक हितों को प्राथमिकता दी जाएगी.
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