
प्रवर्तन निदेशालय की चंडीगढ़ जोनल ऑफिस ने 4 जुलाई को यूपी के नोएडा और लखनऊ में तीन संदिग्ध शेल कंपनियों Kindent Business Solutions Pvt. Ltd., Rainet Technology Pvt. Ltd. और Mool Business Solutions Pvt. Ltd. के ठिकानों पर छापेमारी की। ये कंपनियां दिखावे के तौर पर खुद को आईटी फर्म बताती थीं और वॉलेट बेस्ड API, डोमेस्टिक मनी ट्रांसफर (DMT) आधारित पेमेंट सिस्टम (AEPS) और बिल पेमेंट जैसी सेवाएं देने का दावा करती थीं,लेकिन ED की जांच में पता चला कि ये फर्में असल में करोड़ों के QFX/YFX ऑनलाइन फॉरेक्स और मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटाले की कमाई को ठिकाने लगाने के लिए बनाई गई थीं. इस स्कैम में देशभर के हजारों निवेशकों से धोखाधड़ी की गई थी.
इन कंपनियों में 10 से 30 तक स्टाफ तैनात था, लेकिन कई कर्मचारियों ने खुद माना कि कोई असली काम वहां नहीं होता था और उन्हें कंपनी के असली कामकाज की जानकारी तक नहीं थी. कंपनियों के अधिकारियों खुद को देशभर में क्लाइंट बेस कंपनी वाली बताने की कोशिश की, लेकिन ED को कई फर्जी और कागज़ी क्लाइंट्स के सबूत मिले.
ED को जिन खातों में भारी लेनदेन हो रहा था, उनमें QFX, YFX, YorkerF, TLC Coin और BotBro जैसे नामों से पेमेंट्स आ रहे थे जो पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमित निवेश स्कैम की जांच के दायरे में हैं. जब इन कंपनियों के डायरेक्टर्स से इन नामों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया, जिससे और ज्यादा शक गहराया कि ये सब बेनामी लेन-देन और मनी लॉन्ड्रिंग की साज़िश का हिस्सा है.
अब तक ED ने इन कंपनियों से जुड़े 116 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है, जिनमें से सिर्फ 16 खातों से 103 करोड़ रुपये से ज़्यादा की अवैध कमाई फ्रीज की गई है. तलाशी के दौरान कई डिजिटल डिवाइसेज़, वित्तीय दस्तावेज़ और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड भी जब्त किए गए हैं, जिनकी फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि पूरे घोटाले की परतें खोली जा सकें.
गौरतलब है कि इसी साल फरवरी में भी ED ने QFX, YorkerFX और BotBro से जुड़े कई बैंक खातों पर छापेमारी कर 187 करोड़ रुपये की अवैध कमाई फ्रीज़ की थी. इस घोटाले के मुख्य आरोपी नवाब उर्फ लविष चौधरी, राजेंद्र सूद, विनीत कुमार और संतोष कुमार स्कैम के बाद दुबई भाग गए थे.
ED की जांच अब भी जारी है और इसमें और भी शेल कंपनियों, बेनामी संपत्तियों और फंड को छिपाने की लेयरिंग नेटवर्क्स का खुलासा होने की उम्मीद है. साथ ही, इस घोटाले में शामिल और मास्टरमाइंड्स, ऑपरेटर्स, लाभार्थी और फ्रंट कंपनियों की पहचान भी की जा रही है.यह देशभर के हजारों निवेशकों को ठगने वाला एक बड़ा घोटाला है, जिसकी परतें लगातार खुल रही हैं.
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