"उन्हें 'जादू' तो अमेठी के लोगों ने दिखाया था..." : PM पर टिप्पणी के लिए राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी का पलटवार

अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उसी 'जादू' शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी टिप्पणी के दौरान BJP के शासन में उद्योगपति गौतम अडाणी की तरक्की के संदर्भ में इस्तेमाल किया था.

गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा सीट से वर्ष 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने परास्त किया था...

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने मंगलवार को गांधी परिवार पर उत्तर प्रदेश के संसदीय क्षेत्र अमेठी में विकास के वादों को पूरा करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया, और कहा कि जिस शख्स को अमेठी के लोगों ने 'जादू' दिखाया था, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर कटाक्ष कर रहा है.

स्मृति ईरानी ने उसी 'जादू' शब्द का इस्तेमाल किया, जिसे राहुल गांधी ने लोकसभा में अपनी टिप्पणी के दौरान BJP के शासन में उद्योगपति गौतम अडाणी की तरक्की के संदर्भ में इस्तेमाल किया था.

गांधी परिवार का नाम लिए बिना हमला बोलते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि वर्ष 1981 में अमेठी में बेहद प्रसिद्ध एक फाउंडेशन ने 623 रुपये के किराये पर 40 एकड़ भूमि का कब्ज़ा लिया था, और उस पर मेडिकल फैसिलिटी बनाने का वादा किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "30 साल तक अमेठी के लोगों को बताया जाता रहा कि मेडिकल कॉलेज खोला जाएगा, लेकिन जिस ज़मीन पर मेडिकल कॉलेज खोले जाने की बात की जाती रही, उस पर परिवार ने अपने लिए गेस्टहाउस बनवा लिया..."

गौरतलब है कि गांधी परिवार का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा सीट से वर्ष 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने परास्त किया था.

स्मृति ईरानी ने यह भी दावा किया कि एक गंभीर बीमारी से जूझते नन्हे लाल मिश्रा को 'परिवार' की ज़मीन पर बनाए गए अस्पताल से यह कहकर लौटा दिया गया था कि उन्हें अपना इलाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना के तहत करवाना चाहिए. स्मृति ईरानी ने कहा, "काश, नन्हे लाल मिश्रा यह सब सदन को बता पाते, लेकिन उनकी आवाज़ नहीं सुनी जा सकती, क्योंकि उनका देहांत हो चुका है... यही लोग हैं, जो नरेंद्र मोदी पर वार कर रहे हैं, उन पर कटाक्ष कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक शख्स को मरने दिया... उन्हीं के पास अब भी 40 एकड़ ज़मीन है..." स्मृति ईरानी ने बताया कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही थे, जिन्होंने अमेठी के लोगों को मेडिकल कॉलेज दिया.

एक अन्य घटना का ज़िक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 'परिवार' ने लोगों को एक फैक्टरी खोलने के लिए बुलाया था, जो अचानक बंद कर दी गई, और ज़मीन पर फाउंडेशन ने कब्ज़ा कर लिया. स्मृति ईरानी के अनुसार, "किसान परिवार के खिलाफ अदालत में गए और कोर्ट का आदेश भी ले आए, लेकिन उसकी अवज्ञा की गई, और ज़मीन पर कब्ज़ा बनाए रखा... और फिर वही लोग संसद आकर गरीबों की बात करते हैं..."

स्मृति ईरानी ने यह भी आरोप लगाया कि गांधी परिवार ने फुर्सतगंज एयरफील्ड को बर्बाद कर दिया, जहां वे परिवार से जुड़ी अकादमी चला रहे थे, और दो होस्टलों के नाम राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम पर रखे गए थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब वे बोर्ड में थे, उन्होंने (अकादमी) का संचालन एक विदेशी फर्म को दे दिया, जिसने उस जगह को बर्बाद कर दिया, और यह सब एक रिपोर्ट में शामिल है..."

उन्होंने बताया कि फुर्सतगंज एयरपोर्ट को अब केंद्र सरकार की 'उड़ान' (UDAN) योजना में शुमार किया गया है, और अब आम आदमी उसका फायदा उठा सकेगा.

अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किया है, और उन्होंने नई हज पॉलिसी का ज़िक्र किया, जिसके तहत आवेदन पत्रों को निशुल्क कर दिया गया है. उन्होंने कांग्रेस पर अल्पसंख्यकों को सालों तक धोखा देते रहने का आरोप लगाया.

स्मृति ईरानी ने उन विकास कार्यों का भी ज़िक्र किया, जो अमेठी में उनके जीतने के बाद शुरू किए गए हैं. उन्होंने गांधी परिवार पर पांच दशक से भी अधिक समय तक संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद इलाके की प्रगति को रोकने का आरोप लगाया.

प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए जाने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि संसद में मंगलवार को कुछ हिन्दी कहावतें उनके सामने सजीव हो गई थीं - 'दिया तले अंधेरा...', 'चोर की दाढ़ी में तिनका...' तथा 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे...'

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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस बात के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की कि उनकी कोशिशों से एक जनजातीय महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद (राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू) पर विराजमान है.