कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव के आज नतीजे आने वाले हैं. मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच है. नतीजे से पहले ही शशि थरूर ने अनियमितताओं का आरोप लगाया. बता दें कि 24 वर्षों बाद कांग्रेस को गैर गांधी अध्यक्ष मिलने जा रहा है और इस चुनाव में खड़गे का पलड़ा भारी माना जा रहा है.
मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद की थरूर टीम ने आरोप लगाया कि कई 'मुद्दे' थे. शशि थरूर के चुनाव एजेंट सलमान सोज ने कहा कि हम मधुसूदन मिस्त्री के कार्यालय के साथ लगातार संपर्क में हैं, उन्हें कई अलग-अलग मुद्दों के बारे में सूचित किया है, अभी इसकी बारीकियों में नहीं जा सकते.
मतगणना शुरू होने के तुरंत बाद ही थरूर की टीम ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रक्रिया के दौरान “परेशान करने वाले तथ्य” सामने आए और राज्य में वोट रद्द करने की मांग करते हैं. टीम थरूर ने कहा कि हमने ये चुनाव इसलिए नहीं लड़ा था कि चीजें पहले की तरह ही चलती रहें.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया ने इस मामले पर कहा कि हम किसी से मिलने के लिए आए थे और उनको अग्रिम बधाई भी दे दी.जगजीवन राम के बाद दलित और पिछड़े समुदाय से कांग्रेस अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. इससे कांग्रेस को काफी मजबूती मिलेगी. शशि थरूर के आरोपों पर उन्होंने कि वे आज आरोप लगा रहे हैं जब काउंटिंग हो रही, ये बात उन्होंने पहले क्यों नहीं कही. चुनाव काफी पारदर्शी तरीके से हुआ, उनके आरोप गलत हैं. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस पर जो भी लोग परिवारवाद का आरोप लगाते हैं वे अपने गिरेबान में झांक कर देखें. अब गांधी और नेहरू परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं बनने जा रहा बल्कि दलति और पिछड़े समाज से बनने जा रहा है. इससे कांग्रेस को नई मजबूती मिलेगी. इससे सही मायने में लोकतंत्र मजबूत होगा.
मिस्त्री को लिखे एक खत में थरूर की टीम की ओर से लिखा गया कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के संचालन में अत्यंत गंभीर अनियमितताओं को ओर आपका ध्यान दिलाना चाहते हैं. आप खुद देखेंगे कि यूपी में तथ्यों में गड़बड़ी और चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता में कमियां पाएंगे.
मिस्त्री को लिखे एक खत में थरूर की टीम की ओर से लिखा गया कि उत्तर प्रदेश में चुनाव के संचालन में अत्यंत गंभीर अनियमितताओं को ओर आपका ध्यान दिलाना चाहते हैं. आप देखेंगे कि यूपी में चुनाव प्रक्रिया से जुड़े तथ्यों में और विश्वसनीयता से जुड़ी कमियां पाएंगे. पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में जो हुआ वह "पूरी तरह से अलग स्तर पर हुआ है".
टीम थरूर ने लिखा कि हम ये खास तौर पर रेखांकित करना चाहेंगे कि हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मल्लिकार्जुन खड़गे जी को पता था कि उनके समर्थक यूपी में चुनाव के दौरान किस तरह अनाचार में लिप्त थे. हमें यकीन है कि अगर उन्हें पता होता तो वे यूपी में जो कुछ हुआ उसकी अनुमति नहीं देते. वे एक ऐसे चुनाव को कलंकित नहीं होने देते जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
इस खत में मतपेटियों पर अनऑफिश्यिल मुहर, मतदान केंद्रों में अनौपचारिक लोगों को उपस्थिति और मतदान के दौरान गड़बड़ियों की बात कही गई है.
साथ ही ये भी कहा गया है कि अगर हम यूपी में मतदान की दागी प्रक्रिया को चलने देते हैं तो इस चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष कैसे माना जा सकता है, इसलिए हम मांग करते हैं कि यूपी के सभी वोटों को अमान्य करार दिया जाए.
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