दो दिन पहले कांग्रेस के सांसदों की बैठक में युवा नेताओं की ओर से काफी तर्क-वितर्क और आलोचना देखने को मिली. पार्टी के युवा नेताओं ने कांग्रेस की लोकप्रियता में आई गिरावट के लिए कांग्रेस की आखिरी सरकार को दोषी माना है. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) पर निशाना साध रहे हैं. कांग्रेस के युवा धड़े की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान के खिलाफ पार्टी के वरिष्ठ नेता सामने आ गए हैं.
सांसद आनंद शर्मा, शशि थरूर (Shashi Tharoor) और मनीष तिवारी (Manish Tewari) के साथ मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवरा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बचाव में सामने आ गए हैं. इन नेताओं ने सिंह की आलोचना को तथ्यों की जानकारी नहीं होना और दुर्भावनापूर्ण कृत्य का हिस्सा बताया है. ये सभी नेता मनमोहन सिंह की कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं.
I agree with @ManishTewari & @milinddeora. UPA's transformative ten years were distorted & traduced by a motivated & malicious narrative. There's plenty to learn from our defeats & much to be done to revive @INCIndia. But not by playing into the hands of our ideological enemies. https://t.co/Ui6WUlBl3F
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) August 1, 2020
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, "मैं मनीष तिवारी और मिलिंदा देवड़ा से सहमत हूं. यूपीए के 10 साल के परिवर्तनकारी कार्यकाल को प्रायोजित तरीके से बदनाम और खराब साबित किया जा रहा है. हार से सीखने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है और कांग्रेस को फिर से खड़ा करने के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है." थरूर ने मिलिंद देवरा का ट्वीट रि-ट्वीट करते हुए यह बात कही.
Well said, Manish.
— Milind Deora मिलिंद देवरा (@milinddeora) August 1, 2020
When demitting office in 2014, Dr Manmohan Singh said, “history will be kinder to me”.
Could he have ever imagined that some from his own party would dismiss his years of service to the nation & seek to destroy his legacy - that, too, in his presence? https://t.co/HQyihXkFvk
इससे पहले, मिलिंद देवरा ने मनीष तिवारी के ट्वीट को रीट्विट करते हुए लिखा, "सही कहा मनीष. 2014 में मनमोहन सिंह ने जब पद छोड़ा था तब उन्होंने कहा था कि इतिहास मेरे प्रति ज्यादा दयालु होगा." उन्होंने कहा कि हमने कभी सोचा नहीं था कि उनकी ही पार्टी के कुछ लोग उनकी वर्षों की देश सेवा को खारिज कर देंगे और उनकी छवि को नुकसान पहुंचाएंगे, वो भी उनके रहते हुए.
BJP was out of Power for 10 yrs 2004-14. Not once did they ever blame Vajpayee or his Govt for their then predicaments
— Manish Tewari (@ManishTewari) August 1, 2020
In @INCIndia unfortunatly some ill -informed ‘s would rather take swipes at Dr. Manmohan Singh led UPA govt than fight NDA/BJP.
When unity reqd they divide.
इससे पहले, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, "बीजेपी 2004-2014 तक सत्ता से दूर रही. एक बार भी उन्होंने वाजपेयी या उनकी सरकार को अपनी खस्ताहाल स्थिति के लिए दोषी नहीं ठहराया. दुर्भाग्य से कांग्रेस में तथ्यों की कम जानकारी रखने वाले कुठ लोग एनडीए और बीजेपी से लड़ने के बजाए डॉक्टर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार पर निशाना साध रहे हैं."
UPA Government led the country with a sense of purpose and a commitment to the common man. India witnessed unprecedented Social and Economic transformation and empowerment of the poor and vulnerable Indians. (1/11)
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) August 1, 2020
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने मनमोहन सिंह सरकार और सोनिया गांधी को लेकर कई ट्वीट किए. उन्होंने लिखा- "डॉ मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी का सराहनीय योगदान इतिहास में दर्ज होगा. दोनों नेताओं ने भारत को समावेशी विकास के एक दशक तक पहुंचाया, जिस पर हम सभी को गर्व है."
उन्होंने लिखा, "हर कांग्रेसी को यूपीए की विरासत पर गर्व होना चाहिए. कोई भी पार्टी अपनी विरासत को अस्वीकार या अपमानित नहीं करती है. किसी को भी उम्मीद नहीं है कि भाजपा बड़ा दिल दिखाएगी और हमें श्रेय देगी, लेकिन हमारे अपने लोगों को अपनी विरासत को सम्मान देना चाहिए और इस बात को नहीं भूलना चाहिए.
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