"मैं खुश हूं कि मैं नहीं गया...", नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को लेकर बोले शरद पवार

शरद पवार ने कहा कि पुरानी संसद से लोगों को कुछ अलग जुड़ाव था, नई संसद को लेकर विपक्ष से किसी तरह की कोई बात नहीं की गई. 

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का विधि विधान के साथ उद्घाटन किया. इस उद्घाटन में कई दलों के नेता शामिल हुए जबकि कई विपक्षी पार्टियों ने इस समारोह से दूरी बनाई रखी. NCP प्रमुख शरद पवार उन नेताओं में शामिल हैं जो इस मौके पर उपस्थित नहीं रहे. शरद पवार ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि अच्छा हुआ कि मैं नहीं गया. 

"क्या ये आयोजन सिर्फ सीमित लोगों भर के लिए था?"

शरद पवार ने नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान जिस तरह से हवन किया गया, बहुधार्मिक प्रार्थनाओं का आयोजन हुआ और 'सेंगोल' लाया गया, इसे लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि मैंने सुबह इस आयोजन को देखा. इसे देखने के बाद लगा कि अच्छा किया की मैं वहां नहीं गया. उद्घाटन समारोह के दौरान जो हुआ उसे देखकर मुझे चिंता हो रही है. क्या हम अपने देश को पीछे लेकर जा रहे हैं? क्या ये आयोजन सिर्फ सीमित लोगों भर के लिए था? उन्होंने कहा कि नए संसद भवन के उद्घाटन के दौरान जो कुछ भी हुआ वो पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समाज की कल्पना से ठीक उलट था.  

"जो हुआ वो पंडित नेहरू की कल्पना से उलट"

शरद पवार ने कहा कि वहां जो कुछ भी हुआ वो पंडित नेहरू के समाज की कल्पना, जिसे वो मॉर्डन साइंस के आधार पर बनाना चाहते थे, के उलट है. राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को आमंत्रित करना सरकार की जिम्मेदारी है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तो मौजूद थे, लेकिन राज्यसभा के मुखिया उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ वहां नहीं थे. इसलिए पूरा कार्यक्रम ऐसा लगता है जैसे यह सीमित लोगों के लिए था.

विपक्ष से नहीं की गई कोई बात

शरद पवार ने आगे कहा कि पुरानी संसद से लोगों को कुछ अलग जुड़ाव था, नई संसद को लेकर विपक्ष से किसी तरह की कोई बात नहीं की गई. उन्होंने कहा कि पुरानी संसद से बतौर सदस्य हमारा अलग जुड़ाव था...नई संसद को लेकर विपक्ष के किसी नेता से बात तक नहीं की गई. ये बेहतर होता कि नई संसद के निर्माण से पहले सबसे इसे लेकर राय ली जाती. 

ये एक अधूरा इवेंट था - सुप्रिया सुले

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बता दें कि NCP सुप्रिया सुले ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह को  "अधूरा इवेंट" बताया. उन्होंने पुणे में कहा कि नए संसद भवन का उद्घाटन विपक्ष के बगैर करना अधूरे इवेंट की तरह है.