मेघालय के राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त होने के बाद सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार के विरुद्ध राजनीतिक हमला तेज करते हुए दो टूक कहा है कि अगले चुनाव में वह समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) की मदद करेंगे, हालांकि वह किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे.
राज्यपाल पद से सेवानिवृत्त होने के बाद मलिक बागपत स्थित अपने पैतृक गांव हिसावदा में पहुंचे थे. गांव में बुधवार को ग्रामीणों ने उनका सम्मान किया और उन्होंने सभी के साथ सहभोज किया.
सरकार पर पहले से ज्यादा हमलावर होते हुए मलिक ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है. भावी योजना के बारे में मलिक ने कहा, 'मैं कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन नहीं करूंगा, न चुनाव लडूंगा, लेकिन किसानों की लड़ाई जरूर लडूंगा. इस लड़ाई में चौधरी चरण सिंह का पोता होने के कारण जयंत सिंह और मुलायम सिंह का बेटा होने के कारण अखिलेश यादव की मदद करूंगा.”
पूर्व राज्यपाल मलिक ने बतौर राज्यपाल अपने अनुभव को बेहतर बताते हुए कहा कि उन्होंने पूरी ईमानदारी से काम किया. जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किया, तो महबूबा मुफ्ती कहती थी कि यहां खून की नदियां बह जाएंगी. एक गोली भी नहीं चलानी पड़ी.
हालांकि, उन्होंने सेवानिवृत्त होने के बाद मोदी सरकार द्वारा उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई करने की आशंका से इंकार नहीं किया. मलिक ने कहा, “मुझ पर भी ये लोग कुछ जरूर करेंगे. जम्मू-कश्मीर की सभी फाइलों की जांच करा लो या तलाशी ले लो, लेकिन मेरा कुछ होगा ही नहीं. मैं फकीर आदमी हूं, मेरे यहां धेला नहीं मिलेगा.”
देश की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी से लोग पहले ही परेशान हैं. किसानों को गन्ने की बकाया भुगतान नहीं मिल रहा और उसके दाम भी नहीं बढ़ रहे. अब अग्निवीर योजना लाकर किसानों के बच्चों का भविष्य भी खराब कर दिया.
मलिक ने कहा कि किसानों के बेटों के लिए रोजगार का संकट है. नौकरी भी केवल तीन साल की कर दी गई और कोई पेंशन नहीं है. इस वक्त पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. मुजफ्फरनगर में अभी अग्निवीर की भर्ती चल रही है. युवक सड़कों पर सोते हैं और उनको खाना तक नहीं मिलता है. अग्निवीर योजना लाकर किसानों के बच्चों का भविष्य भी खराब कर दिया.
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