विज्ञापन
This Article is From Aug 07, 2022

"वादाखिलाफी", बिजली संशोधन बिल संसद में पेश करने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी

किसान संगठन ने कहा कि केंद्र सरकार के बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रवेश सुनिश्चित करना है

"वादाखिलाफी", बिजली संशोधन बिल संसद में पेश करने पर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी
संयुक्त किसान मोर्चा ने मोदी सरकार को बिजली (संशोधन) बिल - 2022 को लेकर चेतावनी दी है (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने गुरुवार को संसद के मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 (Electricity Amendment Bill 2022) को पेश करने और पारित करने के खिलाफ केंद्र सरकार को चेतावनी दी. किसान संगठन ने कहा कि यह उसके संज्ञान में आया है कि सरकार की ओर से संसद के मौजूदा मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पारित कराने की संभावना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पहले ही विधेयक को मंजूरी दे दी है.

एसकेएम ने एक बयान में कहा, "इस विधेयक को वापस लेना किसानों के साल भर के संघर्ष की मुख्य मांगों में से एक था. 9 दिसंबर, 2021 को केंद्र सरकार ने एसकेएम को एक पत्र दिया था, जिसमें कहा गया था-  बिजली विधेयक में प्रावधानों, जो किसानों को प्रभावित करते हैं,  पर पहले सभी हितधारकों / संयुक्त किसान मोर्चा के साथ चर्चा होगी. मोर्चा के साथ चर्चा के बाद ही विधेयक को संसद के समक्ष रखा जाएगा." 

एसकेएम ने आगे कहा कि पिछले आठ महीनों में ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई है. इसलिए यह केंद्र सरकार के स्वयं के लिखित आश्वासन के साथ एक बड़ा विश्वासघात है.

एसकेएम ने कहा, "बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 का उद्देश्य बिजली वितरण क्षेत्र में निजी कंपनियों का प्रवेश सुनिश्चित करना है." 

एसकेएम ने बयान में यह भी कहा है कि एक बार विधेयक पारित होने के बाद किसानों और देश के अन्य सभी वर्गों के लिए बिजली की दरों में बढ़ोतरी करने से सरकार को भारी मुनाफा होगा. संगठन ने कहा कि, "क्रॉस सब्सिडी समाप्त हो जाएगी. किसानों को मुफ्त या सस्ती बिजली खत्म हो जाएगी. किसानों के लिए उत्पादन की लागत और बढ़ जाएगी. ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बिजली की घरेलू दरों में जबरदस्त वृद्धि होगी. बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की नौकरियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.“

यदि बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को पेश / पारित किया जाता है तो एसकेएम ने तत्काल बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी विरोध का आह्वान किया है. एसकेएम ने कहा, "एसकेएम 9 अगस्त को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति द्वारा देशव्यापी प्रदर्शनों के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन का पूरी तरह से समर्थन करता है. अगर सरकार इस विधेयक को एकतरफा रखती है और पारित करती है तो काम बंद कर देना चाहिए."

किसानों को केंद्र का भरोसा, जारी रहेगी बिजली पर सब्सिडी

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com